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Updated on: 7 August, 2024 12:36 PM IST
बासमती धान की कीमत, फोटो साभार: फ्रिपिक

उत्तर प्रदेश में इस साल किसान 15 प्रतिशत से ज़्यादा नमी के साथ लगभग 2,200-2,500 रुपये क्विंटल पर बासमती धान बेच रहे हैं. जोकि किसानों के लिए परेशानी का कारण है. मालूम हो कि पिछले साल उन्हें बासमती धान की कीमत 3,000 रुपये प्रति क्विंटल से ज़्यादा मिली थी. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में आमतौर पर सभी उत्पादक राज्यों में बासमती की फ़सल सबसे पहले तैयार होती है क्योंकि पूसा बासमती 1509 बासमती धान की अन्य किस्मों की तुलना में कम अवधि में तैयार  होने वाली किस्म है और पंजाब और हरियाणा की तुलना में इसकी यूपी में रोपाई पहले की जाती है.

मंडियों में पहले फसल आने की वजह से निर्यातकों को मदद मिलेगी, क्योंकि इससे देश से सुगंधित चावल का निर्यात पाकिस्तान के मुकाबले प्रतिस्पर्धी हो जाएगा. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के शामली जिले के किसान देवेंदर सिंह ने कहा, "मुझे पिछले साल की तरह ही कीमत मिलने की उम्मीद है, जब मैंने अपने गांव में 3,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से फसल बेची थी." सिंह ने बताया कि उन्होंने मई के मध्य में धान की उन्नत किस्म पीबी 1509 की बुवाई किया था और उन्हें अगले 15 दिनों में फसल मिलने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि इस साल पैदावार में एक चौथाई की गिरावट आ सकती है, क्योंकि आसपास के किसी भी किसान को अब तक एक बीघा (1 एकड़ = लगभग 6 बीघा) से 3 क्विंटल से अधिक उपज नहीं मिली है, जबकि पिछले साल यह 4 क्विंटल से अधिक थी.

अलीगढ़ जिले के एक अन्य किसान भूषण त्यागी, जिन्होंने पिछले सप्ताह खैर मंडी में 2,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से पीबी 1509 किस्म बेची थी, ने कहा कि पिछले साल की तुलना में उपज में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है और उन्हें कम कीमतों के कारणों के बारे में पता नहीं है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने इस साल मंडी में नीलामी में “रेट्स” नहीं दीं और उन्हें बेचना पड़ा क्योंकि वे फसल वापस घर नहीं लेकर जा सके.

कीमतों में गिरावट की आशंका

देवेंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने पिछले साल बासमती की खेती 9 बीघा से घटाकर इस साल 6 बीघा कर दी है, क्योंकि उन्हें डर था कि कीमतें कम हो सकती हैं. सिंह ने बताया, "जब किसी साल कीमतें अधिक होती हैं, तो आमतौर पर अगले सीजन में बुवाई का रकबा भी बढ़ जाता है और कीमतें गिर जाती हैं."

कृषि मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, 1-5 अगस्त के दौरान उत्तर प्रदेश में बासमती धान की कीमतें 2,100-2,600 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में थीं. खैर मंडी के एक कमीशन एजेंट ने कहा, "हमें कारण नहीं पता, लेकिन निर्यातक 2,500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर खरीदने को तैयार नहीं हैं." उन्होंने कहा कि नमी का स्तर अब 20 प्रतिशत से काफी अधिक है. लेकिन कुछ व्यापारियों ने कहा कि औसत नमी लगभग 15 प्रतिशत हो सकती है.

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के शामली जिले के किसान, जो पड़ोसी हरियाणा के करनाल मंडी में अपनी उपज बेचते हैं, ने कहा कि इस वर्ष कीमत 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक नहीं हैं.

सावधानी से खरीदारी करें

कम दरों के कारणों को स्पष्ट करते हुए, कमीशन एजेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजिंदर गुप्ता ने कहा कि मिलर्स सावधानी से खरीद कर रहे हैं क्योंकि पिछले साल उन्हें बहुत अधिक लागत पर बासमती धान खरीदने के बाद घाटा हुआ था. गुप्ता ने कहा कि इसके अलावा, सप्लाई भी अधिक है क्योंकि किसानों ने एक और साल ज्यादा कीमत की उम्मीद में धान का रकबा बढाया है.

भारत के बासमती चावल का निर्यात, जिसे 950 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) पर अनुमति दी गई है, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में 16 फीसदी की वृद्धि के साथ 965,128 टन (1037 मिलियन डॉलर मूल्य) हो गया है, जबकि एक वर्ष पहले यह 830,872 टन (917 मिलियन डॉलर मूल्य) था.

English Summary: Basmati Rice Price UP farmers are selling Basmati Paddy at an average 2200 to 2500 rupee per quintal
Published on: 07 August 2024, 12:43 PM IST

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