देशभर के कृषि उद्यमी, वैज्ञानिक और नीति निर्माता आगामी ‘BASAI 2025’ सम्मेलन में एक साथ जुटने जा रहे हैं. बायोलॉजिकल एग्री सॉल्यूशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BASAI) द्वारा आयोजित यह दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 22 और 23 सितंबर को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में होगा, जिसका विषय है - “टिकाऊ कृषि के लिए जैविक उपाय - जलवायु अनुकूल दृष्टिकोण”.
इस सम्मेलन का उद्देश्य किसानों और कृषि उद्यमियों को जलवायु परिवर्तन तथा मिट्टी की गिरती सेहत जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए जैविक उत्तेजक, जैव उर्वरक और जैव कीटनाशक जैसे प्राकृतिक और टिकाऊ साधनों से जोड़ना है. इसमें देश के नीति-निर्माता, वैज्ञानिक, कृषि उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि और नवाचारकर्ता मिलकर जलवायु-सहिष्णु कृषि का भविष्य तय करेंगे.
BASAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विपिन सैनी ने कहा, “भारत के किसान और कृषि उद्यमी हमारे अन्नदाताओं के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की भी रीढ़ हैं. हमारा उद्देश्य उन्हें ऐसे विज्ञान-आधारित, पर्यावरण हितैषी समाधान देना है जो न केवल उनकी उपज बढ़ाएँ बल्कि धरती को भी बचाएँ.”
उद्घाटन सत्र में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी - मनिंदर कौर द्विवेदी (अपर सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग), डॉ. पी.के. सिंह (कृषि आयुक्त) और प्रिया रंजन (संयुक्त सचिव, बागवानी) - सहित देशभर के जैविक कृषि विशेषज्ञ शामिल होंगे. इस दौरान जैविक कृषि में नवाचारों पर आधारित चार पुस्तकों का विमोचन भी होगा.
सम्मेलन में दो दिन तक अवशेष-मुक्त भोजन, महिला नेतृत्व, उर्वरक उपयोग दक्षता और जलवायु परिवर्तन से निपटने में जैविक उत्पादों की भूमिका जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होगा. साथ ही कैन बायोसिस, बायोस्टैड, पीजे मारगो, प्रभात ग्लोबल, त्रिशूल, माइक्रोएल्गा, पेपटेक, आईपीएल बायोलॉजिकल्स, पुष्पा जे शाह, इनैरा जैसी अग्रणी कंपनियां अपने नवीन जैविक उत्पाद प्रदर्शित करेंगी.
22 सितंबर को दोपहर 12:30 बजे Juniper लॉन में प्रेस वार्ता होगी, जिसके बाद मीडिया प्रतिनिधियों के लिए नेटवर्किंग दोपहर भोज और चाय-सत्र का भी आयोजन किया जाएगा.
BASAI 2025 की खासियत यह है कि इसका फोकस किसान-केंद्रित नवाचार और महिला उद्यमिता पर है. सम्मेलन का लक्ष्य है कि छोटे किसानों और कृषि उद्यमियों को जलवायु-सहिष्णु तकनीकों के जरिये आय बढ़ाने के सफल मॉडल दिखाए जाएं और महिला-नेतृत्व वाले जैविक स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित कर ग्रामीण आजीविका को सशक्त किया जाए.