बताया जा रहा है कि अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं जब भारत में चावल के दाम अपने चरम पर पहुंच जाएंगे और कारोबारियों के चेहरे खुशी से खिल उठेंगे. वो इसलिए चूंकि हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश भारत से जमकर चावल की खरीदारी कर रहा है, जिसकी वजह से चावल की कीमत में इजाफे के आसार जताए जा रहे हैं. इससे पहले दिसंबर में भारत ने आयात शुल्क को 62.5 फीसद से घटाकर 25 फीसद कर दिया था. इस फैसले के बाद से भारत के कारोबारियों के लिए बांग्लादेश में चावल के निर्यात का रास्ता खुल गया है.
इसके साथ ही भारत द्वारा 5 लाख टन चावल निर्यात करने की बात कही गई है. इतना ही नहीं, कुछ बांग्लादेशी कारोबारी भारतीय निर्यातकों से करार भी कर चुके हैं. इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन (BEDF) के प्रिंसिपल साइंटिस्ट रितेश शर्मा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 2019 में अप्रैल से नवंबर तक 23 लाख 24 हजार मिट्रिक टन चावल एक्सपर्ट किया गया था. बीते कुछ माह से भारत से चावल के आयात में इजाफा दर्ज किया गया है. बता दें कि जहां गैर बासमती चावल का एक्सपर्ट बढ़ा है तो वहीं अप्रैल से नवंबर 2020 के दौरान 70.24 लाख मिट्रिक टन बासमती चावल का आयात किया गया था.
वहीं, अगर 2019 के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो मालूम पड़ता है कि 2019 में 31 लाख मिट्रिक टन चावल का आयात किया गया था. उल्लेखनीय है कि भारत बासमती चावल का उत्पादक होने के साथ-साथ उसका सबसे बड़ा निर्यातक भी है. भारत पूरी दुनिया में चावल एक्सपर्ट के मामले में दूसरे स्थान पर आता है. भारत वैश्विक स्तर का तकरीबन 25 फीसद चावल एक्सपोर्ट करता है.