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Updated on: 22 March, 2024 4:36 PM IST
अमेरिका और यूरोपीय में सरसों के तेल पर प्रतिबंध है

Ban on Mustard Oil: हमारे देश में सरसों के तेल का खूब इस्तेमाल किया जाता है. यह तेल रसोई और होटल आदि में खाना बनाने के लिए उपयोग होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरसों के तेल को जिस तरह से भारत में खूब इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, विदेशों में इस तेल पर प्रतिबंध लगा हुआ है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों है क्या सरसों का तेल सुरक्षित नहीं है. इन सभी सवालों का जवाब आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं...

विदेशों में सरसों के तेल पर पर प्रतिबंध/Ban on Mustard Oil in Foreign Countries

मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका, यूरोपीय, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अन्य कई देशों में सरसों के तेल से खाना पकाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. अगर आप इन देशों के बाजार से सरसों के तेल के पैकेट को खरीदते हैं, तो उसपर साफ-साफ लिखा होता है कि आप इसका इस्तेमाल खाने में नहीं कर सकते हैं.अमेरिका में बिकने वाले सभी सरसों के तेल के डिब्बों पर 'External Use Only' लिखा होता है. ऐसा इसलिए की सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है, जोकि सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है.

बता दें कि इरुसिक एक तरह का फैटी एसिड होता है, जो अच्छी तरह से मेटाबोलाइज्ड नहीं किया जाता है. ये ही नहीं इसे मानव मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए सही नहीं माना जाता है.अगर आप सरसों के तेल का सेवन करते हैं, तो इससे आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है और साथ ही शरीर में वसा की मात्रा भी अधिक हो सकती है. इसके अलावा सरसों के तेल का सेवन करने से पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते विदेशों के बाजार में सरसों के तेल पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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इस तेल से बनता है अमेरिका और यूरोप में खाना

अमेरिका, यूरोप और अन्य कई देशों में खाना पकाने के लिए सरसों के तेल का नहीं बल्कि सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि इस तेल में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है. जोकि कोलेजन को बढ़ाता है.

सोयाबीन के तेल से शरीर और त्वचा में लचीलापन भी आता है. चेहरे की झुर्रियां कम होती है और चेहरे पर रंगत भी आती है. इसके अलावा सोयाबीन के तेल में विटामिन ई की मात्रा काफी अधिक होती है, जो त्वचा और बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है.

English Summary: Ban on Mustard Oil in USA Canada Europe know the reasons
Published on: 22 March 2024, 04:39 PM IST

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