सूखे से प्रभावित राजस्थान के किसानों के लिए बुरी खबर है. दरअसल केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के द्वारा भेजे गए मुआवजे के प्रस्ताव स्वीकार करने से मना कर दिया है. बता दें कि इस बार राजस्थान के 9 जिले के 5555 गांवों में सूखा पड़ा है, इस वजह से राज्य सरकार ने इन जिलों को सूखा प्रभावित इलाका घोषित कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा इन जिलों के किसानों के मुआवजे के लिए 2800 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया था. इसलिए राज्य सरकार ने सूखे से प्रभावित किसानों के मुआवजे के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार के अधीनस्थ अधिकारीयों ने सूखे की स्थित जानने के लिए राज्य का दौरा किया। इस दौरे के बाद इस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया गया. हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने सूखे प्रभावित क्षेत्र में मुआवजे के लिए 1200 करोड़ रुपए स्वीकृत दे दी.
बता दे कि राज्य में सूखे का सबसे अधिक प्रभाव बाड़मेर जिले में है. बारिश कम होने से मारवाड़ क्षेत्र में रबी की फसल चौपट हो गई थी. इस बार प्रदेश में 58 तहसील के किसान सूखे से प्रभावित है. सूखे प्रभावित इलाकों के औसतन 33 फीसदी फसल ख़राब हो गई है. अगर जोधपुर की बात की जाए तो 50 फीसद या उससे अधिक फसल प्रभावित हुई है. राज्य सरकार ने गिदावरी के आधार पर 2800 करोड़ रूपए की आवश्यकता थी, जिसमें एग्रो इनपुट के लिए 900 करोड़ रूपये, पेयजल के लिए 200 करोड़ रूपये और पशुपालको के सहायता लिए 700 करोड़ रूपये तय किये थे. राज्य सरकार यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया। बाद में केन्द्रीय टीम द्वारा सूखे प्रभावित इलाकों का दौरा किया गया. बाद में केंद्र ने सूखे प्रभावित क्षेत्र में मुआवजे के लिए 1200 करोड़ रुपए स्वीकृत दे दी.
गौरतलब है कि राज्य के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, हनुमानगढ़, पाली, चूरू और नागौर है. वहीं बाड़मेर के 14 तहसील के 2741 गांव भी सूखे से प्रभावित है. सूखे की यह अधिसूचना नवम्बर माह में ही जारी किया गया था.