किसान भाइयों को अपनी फसलों में कीटनाशकों के इस्तेमाल की सही जानकारी होनी चाहिए. ऐसे में, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड (Dhanuka Agritech Limited) के अध्यक्ष आर जी अग्रवाल ने आजादी का अमृत महोत्सव के सातवें वर्ष का जश्न मनाया और सभी किसान समुदायों और चैनल भागीदारों को संबोधित किया. उन्होंने किसानों को कीटों की पहचान करके सही समय पर अच्छी और गुणवत्ता वाले कीटनाशकों (Pesticides) का उपयोग करने का आह्वान किया.
कीटनाशकों का नियमित उपयोग (Use of pesticides)
धानुका के सीओओ राहुल धानुका ने विज़न और मिशन के बारे में चैनलों को संबोधित किया. वहीं डॉ. राजेंद्र प्रसाद (केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा बिहार) ने किसानों को कीट के बारे में समझाने, सही कीटनाशकों का प्रयोग करने और धानुका के कीटनाशकों का प्रयोग करके फसल को विभिन्न कीटों से बचाने का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी बताया कि यह किसानों को उनकी फसल की उपज बढ़ाने में कैसे मदद कर रहा है.
आईसीएआर के वैज्ञानिक डॉ. सेन दास ने मक्का की मात्रा और भारतीय कृषि में इसके महत्व को देखते हुए बात की.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ समय पहले नरेंद्र सिंह तोमर ने एक कार्यक्रम संबोधित करते हुए यह कहा था कि "एग्रोकेमिकल पर 18% का जीएसटी अत्यधिक अनुचित है, क्योंकि वे न केवल फसल स्वास्थ्य के लिए बीमा के रूप में कार्य करते हैं, बल्कि किसानों की गुणवत्ता, उपज और आय में भी वृद्धि करते हैं. 18 प्रतिशत की यह उच्च दर उचित नहीं है अधिकतम 5 प्रतिशत तक लाया जाना चाहिए."
भारत में उर्वरक पर सब्सिडी (Fertilizer Subsidy in India)
वैसे भी सरकार ने कीटनाशकों को एक चैंपियन के रूप में घोषित किया है. उर्वरक क्षेत्र अत्यधिक सब्सिडी वाला क्षेत्र है. जहां नाइट्रोजन उर्वरक (Urea) के लिए एमआरपी (MRP) तय की जाती है, जबकि गैर-नाइट्रोजन उर्वरक (P&K) के लिए सब्सिडी तय की जाती है.
सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में गैर उर्वरक और यूरिया के लिए उर्वरक निर्माताओं को उर्वरकों के उत्पादन की लगभग 80% से 90% लागत का भुगतान किया जा रहा है. उर्वरकों के उत्पादन के लिए सब्सिडी उर्वरक निर्माताओं (Fertilizer Company) के लिए बड़ा समर्थन है.