दिल्लीवासियों के लिए सरकार ने आज से एक नई पहल शुरू कर दी है. अब से दिल्ली की जनता को इलाज के समय पैसों की आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा. दरअसल, जिस तरह से भारत के अन्य राज्यों में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) गरीब लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. वहीं, यह स्कीम अब दिल्ली में भी शुरू हो गई है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने आज 28 अप्रैल, 2025 सोमवार के दिन से आयुष्मान वय वंदना कार्ड/ Ayushman Vaya Vandana Card बनाना की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
बता दें कि दिल्ली सरकार की इस स्कीम में बुजुर्गों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा, जिसमें दिल्ली के बड़े अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी. यह सुविधा 70 साल तक के बुजुर्गों को प्राप्त होगी. यहां जानें स्कीम से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी...
तेजी से बढ़ रहा अस्पतालों का नेटवर्क
दिल्ली सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों के नेटवर्क को मजबूत करने के प्रयास तेज कर दिए हैं. योजना के शुरुआती दौर में जहां केवल 90 अस्पताल जुड़े थे, अब तक 50 छोटे-बड़े निजी अस्पताल योजना का हिस्सा बन चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह इस नेटवर्क को और बढ़ाने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक बुजुर्गों को बेहतर इलाज मिल सके.
इन बीमारियों का होगा मुक्त इलाज
आयुष्मान वय वंदना' कार्ड के जरिए दिल्ली के बुजुर्गों को मोतियाबिंद ऑपरेशन, हार्ट सर्जरी, कैंसर उपचार जैसी गंभीर बीमारियों का भी मुफ्त इलाज मिलेगा साथ ही इलाज सरकारी और पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में कैशलेस सुविधा के साथ किया जाएगा.
जरूरी दस्तावेज
- उम्र प्रमाण पत्र (जैसे आधार कार्ड जिसमें उम्र 70 साल या उससे अधिक हो)
- आवास प्रमाण पत्र अगर आपके आधार कार्ड में दिल्ली का पता और उम्र सही दर्ज है, तो आप आसानी से आवेदन कर सकते हैं.
कहां-कहां बनेंगे आयुष्मान वय वंदना कार्ड
- ऑनलाइन: आयुष्मान एप या आयुष्मान भारत वेबसाइट https://beneficiary.nha.gov.in/ के माध्यम से आप इस कार्ड को बनवा सकते है.
- ऑफलाइन: दिल्ली के सभी एसडीएम ऑफिस, विधायकों के कार्यालय, और प्रमुख सरकारी दफ्तरों में हेल्प डेस्क के जरिए भी इस कार्ड को आसानी से बनवाया जा सकता है.
नोट - इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी जानने के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट https://beneficiary.nha.gov.in/ पर विजिट कर सकते है.
लेखक: रवीना सिंह