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Updated on: 21 May, 2020 4:37 PM IST

मध्यप्रदेश के कुछ जिले जो राजस्थान की सीमा से लगे हैं, वहां के किसानों को थोड़ी से सतर्कता रखने की सलाह सरकार ने दी है. इन जिलों में मंदसौर, नीमच और उज्जैन शामिल हैं. दरअसल, यहां पर टिड्डी का खतरा सबसे ज्यादा है. इसलिए प्रशासन ने टिड्डी से बचाव के कुछ उपाय किसानों से शेयर किए हैं. टिड्डी एक तरह का कीड़ा है जो फसल को नष्ट कर देता है. यह कीड़ों का एक समूह होता है, जो देखते ही देखते कुछ ही घंटों में कई एकड़ में खड़ी फसल और पेड़ -पौधों को नुकसान पहुंचाता है. टिड्डी से होने वाले नुकसान को देखते हुए किसानों को सलाह दी गई है कि वह अपने स्तर पर समूह बनाकर रात में खेतों की रखवाली करें. इसके साथ ही टिड्डी को प्रकोप होने पर तत्काल स्थानीय प्रशासन को और कृषि विभाग को सूचित करें.

ये हैं कुछ खास उपाय...

  • किसान इस दौरान पारंपरिक उपाय जैसे, शोर मचाकर टिड्डी को भगा सकते हैं.

  • इसके अलावा तेज आवाज वाले यंत्रों को बजाकर भी खेत से टिड्डी को भगा सकते हैं.

  • किसान इस दौरान कुछ कीटनाशक दवाओं को छिड़काव करके भी टिड्डी से मुक्ति पा सकते हैं.

  • किसान थालियों व डीजे की तेज आवाज करें. टिड्डी दल तेज आवाज सुनकर भागता है.

कीटनाशक दवाएं जो आ सकती हैं काम...

  • क्लोरपॉयरीफॉस 20 ई.सी 12000 मिलीलीटर.

  • डेल्टामेथरिन 2.8 ई.सी. 600 मिलीलीटर.

  • लेम्डासाईहेलोथ्रिन 5 ई.सी. 400 मिली लीटर.

  • डाईफलूबिनज्यूरान 25 डब्लयू.टी. 240 ग्राम प्रति हैक्टेयर 600 मीटर पानी में मिलाकर ट्रैक्टर चलित स्प्रे-पंप से छिड़काव कर सकते हैं.

 टिड्डी के आक्रमण के समय यदि कीटनाशक दवा नहीं हो तो ट्रैक्टर चलित पॉवर स्प्रे के द्वारा तेज बौछार से भी इसे खत्म किया जा सकता है.  

English Summary: attack of locusts and remedy to save Crop
Published on: 21 May 2020, 04:42 PM IST

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