Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 5 August, 2023 11:20 AM IST
Asafetida Cultivation

भारत को मसालों का देश कहां जाता है. हमारे देश में कई तरह के मसाले तैयार किए जाते हैं, जैसे कि- हल्दी, धनिया पाउडर, काली मिर्च, जीरा, काला जीरा, अमचूर पाउडर (खटाई), हड़ आदि. देखा जाए तो इन्हीं मसालों की वजह से भारतीय खाने की तारीफ देश-विदेश में की जाती हैं.

भारतीय खाने में सबसे ज्यादा हींग का इस्तेमाल (Use of Asafoetida) किया जाता है. इसे लगभग देश के हर एक घरों की थाली में परोसा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हींग को हम दूसरे देशों अफगानिस्तान और ईरान से आयात करते है. इसकी खेती भारत में नहीं की जाती है. इसके लिए भारत सरकार को कई अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है. इस परेशानी को हल करने के लिए देश के कृषि वैज्ञानिक कई वर्षों से हींग की खेती पर रिसर्च कर रहे हैं, ताकि इसे हमारे देश के किसान भाइयों के द्वारा उगाया जा सके.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आखिरकार भारतीय कृषि वैज्ञानिक की यह कोशिश सफल हो गई है. अब देश में भी हींग की खेती (Cultivation of Asafoetida) को सरलता से किया जा सकता है.

3 सालों में तैयार हुए हींग के पौधे

मिली जानकारी के मुताबिक, हिमालय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर के वैज्ञानिकों ने अफगानिस्तान और ईरान से हींग के कुछ बीजों को खरीदा और फिर वह इस पर रिसर्च करने लगें. इन बीजों पर वैज्ञानिकों ने लगभग 3 सालों तक कठिन मेहनत की और फिर कहीं जाकर इसमें पौधें आने लगें.

इसके बाद वैज्ञानिकों ने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के कुछ किसानों को हींग की खेती (Hing ki Kheti) करने के लिए प्रशिक्षण दिया. ताकि वह हींग के पौधे से अच्छी खेती कर हींग की पैदावार कर सकें.

7 किसानों को दिए गए पौधे

कृषि वैज्ञानिकों ने हींग की खेती करने के लिए लाहौल के करीब 7 गांव के 7 किसानों को हींग के पौधे दिए. बता दें कि भारत में हींग की खेती की शुरुआत वैज्ञानिकों ने साल 2020 में शुरू की और अब यानी की 3 साल बीत जाने के बाद इसमें इन्हें सफलता मिली है. जब वर्ष 2020 में वैज्ञानिकों ने किसानों को हींग के पौधे दिए, तब उन्हें कोई खास उम्मीद नहीं थी, लेकिन अब वह इन पौधे को देख रहे हैं, तो वह काफी बड़े हो गए है और पैदावार देने के लिए तैयार हो गए हैं.

कब मिलेगा फल

भारतीय वैज्ञानिकों (Indian scientists) के द्वारा तैयार किए गए है. इन पौधों से किसानों को हींग आने वाले दो सालों में मिलना शुरू हो जाएंगे.

English Summary: Asafoetida cultivation started in India, agricultural scientists prepared plants
Published on: 05 August 2023, 11:27 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now