कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर अफ़वाहों का बाजार गर्म है. कई बार तो इन अफ़वाहों की चपेट में बड़े-बड़े नेता-अभिनेता और मेन स्ट्रीम मीडिया भी आ जा रही है. इसी तरह का एक पोस्ट इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है. इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि दुग्ध उत्पाद बेचने वाली कंपनी अमूल अपने सभी चिलिंग सेंटर बंद करने जा रही है. इस खबर के चलते कई पशुपालकों की परेशानियां बढ़ गई हैं. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इस खबर में कितनी सच्चाई है.
नहीं बंद हो रहे चिलिंग सेंटर
सरकार ने अपने किसी आदेश में न तो दूध के उत्पादन को रोकने का आदेश दिया है और न ही चिलिंग सेंटर को बंद करने की घोषणा की है. सोशल मीडिया पर बड़ी कंपनियों और भारत सरकार के नाम से चलाया जा रहा संदेश पूरी तरह से फर्जी है.
क्या होता है चिलिंग सेंटर
दूध को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए चिलिंग सेंटर का उपयोग किया जाता है. इन सेंटर्स में कच्चे दूध को ठंडा करने की प्रक्रिया की जाती है. दूध की इस प्रक्रिया के बाद ही उसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है.
कृषि जागरण का खुलासा
इस बारे में कृषि जागरण की टीम ने पड़ताल में पाया कि दूध चिलिंग सेंटर्स के बंद होने की खबर फर्जी है. पड़ताल में अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी का भी एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में वो खुद ऐसी खबरों का खंडन करते हुए वो लिख चुके हैं कि अमूल का कोई भी चिलिंग सेंटर बंद नहीं होने जा रहा है.
घाटे में चल रहा है दूध उद्योग
हालांकि कोरोना से लड़ाई की मुहिम में दूध के उत्पादन या बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन फिर भी दूध उद्योग इस समय भारी घाटा सह रहा है. देशभर से तमाम ऐसी कहानियां मिल रही हैं, जहां किसान घाटे में दूध बचने को मजबूर हैं.
क्यों हो रहा है घाटा
दूध उत्पादकों को कई कारणों से घाटा हो रहा है. यातायात के सभी सार्वजानिक संसाधन बंद हैं. मिठाई की दुकानों को भी बंद कर दिया गया है, जहां बड़े स्तर पर दूध का उपयोग होता था.
क्या है भाव
देश के कई क्षेत्रों में इस समय 32 रुपए का दूध 20 रुपए में बिक रहा है. मीडिया में कई ऐसी कहानियां भी आ रही हैं, जिसमें किसानों को दूध गटर में बहाते देखा जा सकता है.