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Updated on: 26 October, 2017 12:00 AM IST
Goat Farming

बकरी पालन अन्य पशुपालन की तुलना में काफी आसानी से किया जा सकता है। बाजार में मीट की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। बकरी का दूध डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी को दूर करने के लिए काफी कारगर साबित होता है। 

यही नहीं बकरी का दूध तकरीबन 36 प्रकार की बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। इसके अतिरिक्त बकरी के बालों को उपयोग फाइबर बनाने में किया जाता है। बकरी पालन को अधिक लाभप्रद बनाने के लिए केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र मथुरा में 23 से 30 नवंबर  2017 के मध्य 73 वां राष्ट्रीय बकरी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए 6 नवंबर तक आवेदन किया जा सकता है। इस निर्धारित अवधि के बाद किए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगें।

इस बीच प्रशिक्षणार्थियों की निर्धारित संख्या पूरी हो जाने पर सूचना उन्हें उपलब्ध करा दी जाएगी। चयनित प्रशिक्षणार्थियों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कर दी जाएगी। प्रशिक्षण के लिए उन्हें तीन हजार छह सौ रुपए का शुल्क जमा करना होगा। अधिक जानकारी के लिए केंद्र की वेबसाइट www.cirg.res.in  व हैल्पलाइन नं. 0565-2763320 पर कॉल कर सकते हैं।

इसके अन्तर्गत किसानों को बकरी पालन की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को बकरी पालन के लिए उच्च स्तर पर प्रशिक्षित करना है। बकरी पालन से न केवल अजीविका का साधन बनाया जा सकता है बल्कि इसे व्यवसाय के रूप में परिवर्तित कर कृषकों ने एक नया आयाम दिया है। बकरी पालन ने ही पशुपालन को एक उत्तम विकल्प के रूप में साबित किया है।

बकरी अनुसंधान केंद्र मथुरा के निदेशक एस.एस चौहान ने भी अजामुख के मुखपत्र में लिखा है कि देश में बकरियों की कुल संख्या 13.5 करोड़ है जो कि विश्व में सर्वाधिक है। जिससे लगभग 7 करोड़ बकरी पालकों की अजीविका चलती है।

-विभूति नारायण 

English Summary: Apply for goat rearing training and get information related to goat rearing
Published on: 26 October 2017, 09:29 AM IST

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