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Updated on: 1 March, 2019 5:43 PM IST


आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जहां एक ओर सत्ता से बेदखल राजनीतिक पार्टियां लोकलुभावन वायदे करने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी ओर सत्तासीन राजनीतिक पार्टियां अपने चुनावी वायदे को पूरा करने का कार्य कर रही है. हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कर्ज माफी का मुद्दा सबसे ज्वलंत मुद्दा बना हुआ था. इसी मुद्दे के बल पर सत्ता से बेदखल कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी कर पाई. गौरतलब है कि कर्जमाफी के वायदे से सत्ता में वापसी की कांग्रेस अपने चुनावी वायदे को पूरा करना शुरू कर दी है. लेकिन इस कर्जमाफी में अड़चन के मामले सामने आ रहे हैं.

बता दें कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी के वचन पत्र के अनुसार प्रदेशभर के किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज 10 दिन में माफ हो जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और दो महीने बाद भी गिनती के किसानों को ही इसका लाभ मिलेगा. दरअसल मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के 600 या 700 किसानों को ही किसान फसल ऋण माफी योजना का लाभ मिलेगा. इनकी ऋण माफी के लिए कृषि विभाग के पास 2 करोड़ रुपया आ गया है, बहुत जल्द इन सभी किसानों के ऋण खातों में रुपया ट्रांसफर हो जाएगा. गौरतलब है कि कृषि विभाग ने जिले के 35,000 किसानों के कर्जमाफी संबंधी दस्तावेज मंत्रालय को भेजे थे. जिसमें पहली किश्त में 600या 700 ही किसानों को लाभ मिलेगा.

बता दें कि जिले में कृषि विभाग को जिला सहकारी बैंक व सहकारी समितियों के माध्यम से जिले में कर्जदार 35, 000 किसानों के आवेदन मिले थे. आवेदनों के आधार पर कृषि विभाग ने इन किसानों के डाटा कम्प्यूटर पर अपडेट कर कृषि मंत्रालय को भोपाल भेजे थे. लेकिन 27 फरवरी को 'कृषि विभाग' के पास केवल 600 किसानों के ऋण खातों में ट्रांसफर करने के लिए 2 करोड़ रुपए आए.

आरएस गुप्ता, उपसंचालक, कृषि विभाग

English Summary: Applications of 35 thousand farmers will be available but only 600 will be debt relief
Published on: 01 March 2019, 05:46 PM IST

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