केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, गिरिराज सिंह ने 8 मई को “स्टार्टअप इंडिया-पशुपालन बड़ी चुनौती” के विजेताओं के लिए आयोजित पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया. इस अवसर पर मंत्रालय में राज्य मंत्री संजीव कुमार बाल्यान और सचिव अतुल चतुर्वेदी भी उपस्थित थे.
पशुपालन और डेयरी विभाग ने स्टार्टअप इंडिया के साथ साझेदारी में 'पशुपालन स्टार्टअप-बड़ी चुनौती' शुरू किया जिससे पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए अभिनव और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधान के लिए नई खोज हो सके. इस चुनौती की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 11 सितंबर को मथुरा में एक राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में की थी.
स्टार्ट अप इंडिया-पशु पालन के लिए आवेदन चुनौती
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मूल्य वर्धित उत्पाद: छोटे घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए नवीन तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए कुछ मूल्य वर्धित डेयरी उत्पादों जैसे पनीर, स्मूदीज़, फ्लेवर्ड मिल्क, कस्टर्ड, दही, और अन्य एथनिक भारतीय उत्पादों को शुरू किया गया.
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एकल उपयोग प्लास्टिक विकल्प: डेयरी क्षेत्र में एकल उपयोग पॉलिथीन को बदलने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प का उपयोग करना.
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दूध में मिलावट खत्म करना: डेयरी क्षेत्र में दूध में मिलावट से निपटना.
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नस्ल सुधार और पशु पोषण: मवेशियों और भैंसों की भारतीय नस्लों के बीच त्वरित आनुवंशिक लाभ के लिए नवीन तकनीकों का उपयोग और हरे चारे की नई किस्में और समृद्ध पशु चारा.
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ई-कॉमर्स समाधान: देश भर में आधुनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए नवाचारों को प्रोत्साहित करना.
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उत्पाद पता लगाने की क्षमता: कृषि उत्पादन से उपभोग तक डेयरी उत्पादों की यात्रा पर नजर रखने के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना.
यह चुनौती आवेदन के लिए स्टार्टअप इंडिया पोर्टल www.startupindia.gov.in. पर 11 सितंबर, 2019 से 15 नवंबर, 2019 तक खुली थी. जिसमे 157 प्रतिभागीयों आवेदन आवेदन किए थे.
इन आवेदनों की पूर्व जांच की गई ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आवेदकों द्वारा प्रदान की गई जानकारी कार्यक्रम के लिए आवेदन के मानदंडों को पूरा करती है. जिसके बाद इनका मूल्यांकन उक्त सभी चुनौती को ध्यान में रखते हुए किया गया. मूल्यांकन करने के बाद पशु पालन और डेयरी विभाग ने 12 प्रतिभागियों को पैमाने के अनुरूप पाया.जिन्हें अब 1,02,00,000 रुपए के बराबर सब्सिडी दी जाएगी. प्रत्येक समस्या के अंतर्गत दो विजेताओं को नकद राशि दी जाएगी.
भारतीय रुपए में 10 लाख (विजेता)
भारतीय रुपए में 7 लाख (रनर अप)
सब्सिडी का लाभ पाने वाली 12 कंपनियां
मूल्य वर्धित उत्पाद : 1. (विजेता) कृषक मित्र एग्रो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुम्बई और 2. (रनर अप) स्टूडियो कार्बन, अहमदाबाद.
दूध में मिलावट खत्म करना: 1. व्हाइट गोल्ड टेक्नोलॉजीज एलएलपी, मुम्बई और 2. माइक्रो लाइफ इनोवेशन्स, चेन्नई.
नस्ल सुधार : 1. एडिस टेक्नोलॉजीज, बेलगावी, कर्नाटक और 2. सिसजेन बायोटेक डिस्कवरीज प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई.
पशु पोषण: 1. कृमान्शी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, जोधपुर और 2. कॉरनैक्स्ट एग्री प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद.
ई-कॉमर्स समाधान: 1. मूफार्म गुरूग्राम, हरियाणा और 2. एकेएम टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, कटक.
उत्पाद पता लगाने की क्षमता: 1. इमरटेक सोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मुम्बई और 2. नेबुलएआरसी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली.
एकल उपयोग प्लास्टिक विकल्प: किसी को भी उपयुक्त नहीं पाया गया.