पैकिंग वाले जूस और डेरी उत्पादों(dairy product) के साथ आने वाले प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर भारत सरकार 1 जुलाई से बैन लगाने जा रही है. सरकार के इस कदम को देखते हुए देश के सबसे बड़े डेयरी समूह (AMUL) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को ख़त लिखा है. इस ख़त के लिखने के पहले से भी अमूल ने सरकार से अनुरोध किया था कि प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन अभी फ़िलहाल के लिए टाल दें, क्योंकि इस फैसले का सीधा असर हमारे देश के किसानों पर पड़ेगा.
सरकार ने नहीं दिया है कोई भी जवाब
अमूल ने सरकार को लिखे ख़त में कहा था कि प्लास्टिक स्ट्रॉ दूध से बने उत्पादों की खपत को बढ़ाता है. इसके बैन होने से भारत में पशुपालन करने वाले किसानों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई भी जवाब नहीं दिया है. जिससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सरकार सिंगल यूज़ प्लास्टिक में आने वाले स्ट्रॉ पर बैन लगाने का मन बना चुकी है और इस पर पीछे नहीं हटने वाली है.
कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका
भारत में जूस, दूध और कोल्ड ड्रिंक के 5 से 30 रूपये के उत्पादों की खपत बड़ी मात्रा में होती है. और इस कारोबार में अमूल, पेप्सिको (Pepsico) और कोका-कोला (Coca Cola) जैसी कई बेवरेज कंपनियां बड़े पैमाने पर व्यापार करती हैं. इसलिए सरकार के इस फैसले ने इन कंपनियों को बड़ा झटका लगने की सम्भावना है.
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पेपर स्ट्रॉ है इसका एक विकल्प
पेपर स्ट्रॉ इसके एक विकल्प के रूप में देख जा रहा है लेकिन पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी शौना चौहान की मानें तो उन्होंने मीडिया को बताया था कि कंपनी ने अभी के लिए पेपर स्ट्रॉ का आयात करना शुरू कर दिया है, लेकिन यह टिकाऊ नहीं है. और साथ ही इसे इंडोनेशिया से आयत करना पड़ता है जिससे इसकी कीमत और अवधि भी कम हो जाती है.