केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी सोमवार को उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के दौरे पर रहे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित 'क्षेत्रीय किसान मेला' के समापन समारोह में भाग लिया. सात राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और नई दिल्ली के किसानों की उपस्थिति में इस तीन दिवसीय मेला परिसर में 150 स्टॉल लगाए गए. इनमें उत्तर क्षेत्र के सातों राज्यों के स्टॉल शामिल रहे. किसानों को 'उन्नत कृषि- आत्मनिर्भर भारत' विषय पर जानकारी दी गई.
बांदा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में तीन दिवसीय किसान मेले के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए हितकारी हैं. कृषि में विज्ञान का इस्तेमाल करना होगा. इस दौरान उन्होंने ऋण माफी, और कृषि बाजार की भी चर्चा की. कहा कि किसानों के लिए सिर्फ बाजार ही नहीं ई-बाजार भी मुहैया हैं. इसका फायदा किसान उठाएं.
कैलाश चौधरी ने कहा कि वैज्ञानिक सोच और नई तकनीक से किसान अपनी आय और जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं. बुंदेलखंड में कृषि विकास को गति देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रहा है. बुंदेलखंड के लिए यह किसान मेला महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा.
कांग्रेस पर कसा तंज़
कृषि राज्यमंत्री ने विपक्षियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इतने दशक राज करने के बावजूद कांग्रेस को कभी किसानों के हित याद नहीं रहे. किसानों की उन्नति के लिए मोदी सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही हैं.
कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं. राहुल गांधी व प्रियंका अपने को किसानों का समर्थक बता रहे हैं, जबकि मनमोहन सिंह की सरकार बजट में कृषि के लिए 12 से 24 हजार करोड़ रुपये ही रखती थी. वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री मोदी ने एक लाख 34 हजार करोड़ का बजट किसानों के लिए रखा है. इससे साफ है कि किसानों का सच्चा हितैषी कौन है.