नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 24 April, 2021 6:18 PM IST
CM Arvind kejriwal

कल तक मायूस रहने वाले चेहरे खिलखिलाना शुरू ही हुए थे कि एक बार फिर कोरोना के इस कहर ने सबको बुरी तरह झकझोर कर रख दिया. एक बार फिर इस कोरोना ने लोगों की आमद से गुलजार रहने वाली गलियों को वीरान कर दिया है. कोरोना का कहर जिस तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है, उससे तो यह साफ है कि अगर यह सिलसिला यूं ही जा रहा, तो फिर वो दिन दूर नहीं जब मानव समुदाय के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगेगा. कुछ ऐसा ही हाल हमारे मजदूर भाइयों का भी है. इतने मुश्किल से तो हमारे मजदूर भाइयों की बदहाल हो चुकी स्थिति दुरूस्त होना शुरू हुई थी, मगर कोरोना के इस खौफनाक कहर ने उन्हें एक बार फिर से मायूसी के उस सैलाब में लेजाकर सराबोर कर दिया है, जिससे वो अभी बाहर निकलकर ही सामने आए थे.

हमारे मजदूर भाइयों को इस लॉकडाउन से जिस तरह का मानसिक तनाव व पीड़ा का सामना करना पड़ है, उसे शायद ही कभी पैसों की कीमत से नहींभरा जा सकेगा, मगर केजरीवाल सरकार ने मजदूरों को दुख, दर्द व पीड़ा को समझते हुए 5 हजार रूपए देने का ऐलान कर चुकी है. यकीनन, यह रकम कुछ खास तो नहीं, मगर विपदा की इस घड़ी में हमारे मजदूर भाइयों के लिए महज 5 हजार रूपए की राशि बड़ी राहत का सबब बनकर उभरेगी.

आपको बता दें कि विगत लॉकडाउन में भी दिल्ली सरकार ने मजदूरों की मदद के लिए उनके खाते मे 4 हजार रूपए दिए थे, जो आर्थिक विपदा के बीच में हमारे मजदूर भाइयों के लिए राहत का सबब साबित हुए थे. गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली में कुल 2 लाख 10 हजार 685 पंजीकृत श्रमिक हैं. विगत वर्ष दिल्ली सरकार ने मजदूरों को राशि आवंटित करने के लिए 58.88 करोड़ रूपए महज मजदूरों कें लिए आवंटित किए गए थे.

उधर, दिल्ली सरकार का कहना है कि अबतक 1,05,750 मजदूरों के खाते में 52.88 करोड़ रूपए की राशि जा चुकी है. इसके इतर निर्माणाधीन मजदूरों को खाना मुहैया कराने के लिए 7 हजार खाने के पैकेट बांटे गए हैं. वहीं, अब दो तीन दिनं के अंदर मजदूरों की सहायता के लिए सहायता नंबर भी शुरू किए जाएंगे.

गौरतलब है कि जब केजरीवाल सरकार ने इस बार सात दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब उन्होंने अपने दिए बयान में साफ कह दिया था कि मजदूर भाई मेहरबानी करके दिल्ली छोड़कर न जाए, क्योंकि यह लॉकडाउन छोटा होगा. उन्होंने यह भी कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि हमें इसकी अवधि न बढ़ानी पड़े, मगर मौजूदा समय में जिस तरह से कोरोना का कहर अपने चरम पर है, उसे देखकर स्थिति कुछ अलहदा नजर आ रही है.

English Summary: all labour will get 5 thousand rupees due to lockdown
Published on: 24 April 2021, 06:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now