पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य के सभी किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है. कृषि विभाग ने दावा किया है कि पिछली बार रबी फसल के मौसम में राज्य के 40 लाख किसानों को फसल बीमा का लाभ मिला था. इस बार खरीफ के मौसम में राज्य के सभी 75 लाख किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों के मुताबिक पिछली बार रबी के मौसम में 40 लाख किसानों को फसल बीमा का लाभ देने के लिए सरकार ने 700 करोड़ रुपए खर्च किए थे. इस बार खरीफ के मौसम में राज्य के सभी करीब 75 लाख किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाकर उन्हें लाभ प्रदान करने के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
किसानों को फसल बीमा का लाभ देने के लिए बीमा की प्रिमियम राशि का भुगदान खुद राज्य सरकार करती है. किसानों को प्रिमियम के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है. प्रिमियम भरने का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाती है. राज्य के 75 लाख किसानों को निशुल्क फसल बीमा का लाभ मिलेगा. खरीफ 2020 की फसल बीमा की सुविधा पाने के लिए लिए आवेदन करने के लिए दो तिथियां निर्धारित की गई थी. आउस धान, मक्का और जूट की फसल के लिए 15 जुलाई तक किसानों को आवेदन पत्र जमा करने को कहा गया था. अमन धान के लिए किसानों को 31 जुलाई तक फसल बीमा के लिए आवेदन करना था.
कृषि विभाग के सूत्रों का कहना है राज्य के अधिकांश किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन किया है. लेकिन किसी कारण जो किसान आवेदन नहीं कर सके हैं उन्हें भी सरकार फसल बीमा का लाभ प्रदान करेगी. आवेदन नहीं करने वाले किसानों का नाम भी प्रशासनिक स्तर पर फसल बीमा के लिए दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी किसान फसल बीमा के दायरे में होंगे.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू नहीं है, लेकिन राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना से सभी किसानों को लाभ मिलता है. कृषक बंधु परियोजना को बेहतर बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना को राज्य में लागू करने से इनकार कर दिया है. उनका तर्क है कि राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना से किसानों की जरूरतें पूरी हो जाएगी. फसल बीमा से लेकर दुर्घटना और मौत होने पर भी किसानों को इस योजना के तहत आर्थिक लाभ मिलेगा. जब राज्य में किसानों के लिए इतनी अच्छी योजना पहले से ही मौजूद है, तो अन्य किसी केंद्रीय योजना का लाभ लेने की उन्हें जरूरत नहीं पड़ेगी.
कृषक बंधु योजना के तहत 19 से लेकर 60 वर्ष की उम्र तक कृषक परिवार का कोई भी सदस्य इस योजना का लाभ पाने का हकदार है. इस योजना के तहत नाम पंजीकृत करने वाले किसान और खेतीहर मजदूरों की असमय मौत होने पर उनके परिजनों को सरकार दो लाख रुपए की राशि देती है. साथ ही सरकार फसल बीमा की प्रिमियम का भुगतान खुद करती है. इस योजना के तहत प्रति एकड़ भूमि पर किसानों को 5 लाख रुपए सालाना आर्थिक मदद भी सरकार देती है.
राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार की फसल बीमा का लाभ पाने के लिए किसानों को प्रिमियर का 25 प्रतिशत राशि वहन करनी पड़ती है. 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देती है और 50 प्रतिशत राशि का भुगतान केंद्र सरकार करती है, लेकिन पश्चिम बंगाल की सरकार किसानों को फसल बीमा का लाभ देने के लिए 100 प्रतिशत प्रिमियम का भुगतान खुद करती है. इसमें किसानों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है. इस मायने में राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि से बेहतर है. राज्य के किसान खुद से सरकार की आधिकारिकवेबसाइट https/krishakbandhu.net पर जाकर अपना नाम पंजकृत कर सकते हैं और फसल बीमा का लाभ पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. किसी कारण जो किसान आवेदन नहीं कर सके हैं, उन्हें भी राज्य सरकार ने फसल बीमा का लाभ देने के लिए प्रशासिनक प्रक्रिया तेज कर दी है.