उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 31 जुलाई, 2025 को एक ऐतिहासिक क्षण ने जन्म लिया, जब जागृति एंटरप्राइज सेंटर - पूर्वांचल (JECP) ने अपने ग्रीन कोहोर्ट की शुरुआत की. इस पहल के केंद्र में था ग्रामीण भारत का वह उभरता हुआ वर्ग, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए उद्यमशीलता की राह चुन रहा है. कार्यक्रम की खास बात रही अक्षय खोब्रागड़े की उपस्थिति - एक प्रेरक वक्ता, TEDx स्पीकर, सामाजिक उद्यमी और ‘सलाम किसान’ के COO - जिन्होंने इस आयोजन को व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया.
टियर-3 शहर से राष्ट्रीय मंच तक की प्रेरणादायक यात्रा
अक्षय खोब्रागड़े, जो स्वयं एक टियर-3 शहर की पृष्ठभूमि से आते हैं, ने इस आयोजन को अपने जीवन के उन शुरुआती संघर्षों की याद के रूप में देखा, जहाँ संसाधनों की कमी के बावजूद सपनों की उड़ान ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. उनके अनुसार, यह कार्यक्रम केवल एक मंच नहीं था, बल्कि अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने और अगली पीढ़ी के उद्यमियों के सपनों में खुद को देखने का अवसर था. उन्होंने कहा, “इन युवाओं में वही चमक, वही जज़्बा है, जो मैंने अपनी यात्रा की शुरुआत में महसूस किया था. JECP इन जज़्बों को दिशा देने का एक सशक्त मंच है.”
भारत के लिए एक दूरदर्शी पहल
JECP, भाजपा सांसद शशांक मणि द्वारा स्थापित, एक ऐसा बिज़नेस इनक्यूबेशन कार्यक्रम है जो पारंपरिक उद्यम सहायता से कहीं आगे जाकर, हरित (ग्रीन), समावेशी और स्केलेबल उद्यमशीलता को भारत के छोटे शहरों और गांवों में बढ़ावा देता है.
यह पहल Enterprise-Led Development मॉडल पर आधारित है, जो टियर-2 और टियर-3 क्षेत्रों के उद्यमियों को स्थानीय समस्याओं के वैश्विक समाधान खोजने हेतु सशक्त बनाती है.
JECP का विश्वास है कि भारत की अगली नवाचार क्रांति महानगरों से नहीं, बल्कि भारत के दिल — गांवों और कस्बों - से निकलेगी.
ग्रीन कोहोर्ट की शुरुआत: सात जिलों के 43 नवोन्मेषी उद्यमियों की नई उड़ान
इस वर्ष की ग्रीन कोहोर्ट में देवरिया, कुशीनगर, संत कबीर नगर, बलिया, मऊ, महाराजगंज और गोरखपुर जिलों से चुने गए कुल 43 नवोदित उद्यमियों को शामिल किया गया है. ये सभी युवा उद्यमी एक साल की गहन इनक्यूबेशन यात्रा पर निकल पड़े हैं, जहाँ उन्हें बाज़ार से जुड़ाव, मेंटरशिप, तकनीकी सहायता, पूंजी, बुनियादी ढांचे और नेटवर्किंग जैसी सभी ज़रूरी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी.
इस कोहोर्ट की सबसे खास बात यह है कि इसमें शामिल हर उद्यम एक विशेष उद्देश्य के साथ काम कर रहा है - वह है सततता (Sustainability) और सामाजिक प्रभाव (Social Impact). यह मॉडल न केवल आर्थिक विकास को ध्यान में रखता है, बल्कि पारिस्थितिकीय संतुलन और सामाजिक न्याय को भी अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करता है.
7M सपोर्ट फ्रेमवर्क — भारत के लिए एक विशेष मॉडल
JECP का 7M मॉडल, पारंपरिक शहरी-केंद्रित इनक्यूबेटरों से भिन्न, भारत की ग्रामीण वास्तविकताओं के अनुरूप बनाया गया है:
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Mobilization – ग्रामीण उद्यमियों की पहचान और जुड़ाव
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Mentorship – अनुभवी विशेषज्ञों से सतत मार्गदर्शन
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Market Connect – बाज़ार और साझेदारों से संपर्क
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Money – पूंजी और वित्तीय सहायता
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Miscellaneous – कानूनी, तकनीकी, ब्रांडिंग जैसी सेवाएं
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Mahaul – अनुकूल बुनियादी ढांचा और प्रेरक संस्कृति
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Mitra – सहयोगी साथियों और विशेषज्ञों का समुदाय
मुख्य उपलब्धियां:
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औसतन 96% राजस्व वृद्धि
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86% रोजगार में वृद्धि
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75% उद्यमों ने बाहरी पूंजी जुटाई
“यह मॉडल सिर्फ स्टार्टअप नहीं बनाता, यह राष्ट्रनिर्माताओं को गढ़ता है,” अक्षय ने कहा.
“यह स्थानीय ज्ञान को वैश्विक दृष्टिकोण से जोड़ता है और सिद्ध करता है कि परिवर्तन स्थान से नहीं, नेतृत्व से आता है.”
मेंटॉरशिप: सीखने और सिखाने का परस्पर अनुभव
कार्यक्रम के दौरान अक्षय खोब्रागड़े ने मेंटॉरशिप को केवल एकतरफा संवाद नहीं, बल्कि सीखने और सिखाने का परस्पर अनुभव बताया. उनके अनुसार, “मैं यहाँ सिखाने नहीं, सीखने भी आया था. इन उद्यमियों की कहानियाँ, उनके संघर्ष और उनका ज़मीनी दृष्टिकोण मुझे बहुत कुछ सिखा गया - जो शायद किसी MBA में नहीं मिल सकता.”
उन्होंने JECP की पूरी टीम को उनके समर्पण और मेहनत के लिए धन्यवाद दिया, विशेष रूप से CEO अशुतोष कुमार, इनक्यूबेशन डायरेक्टर वीणा हन्मुसागर, और टीम के अन्य सदस्य - चिन्मय, विश्वास पांडे, मीनल लाल, डॉ. खुशबू, अजय कुमार, दुर्गेश, नित्या, लता, पूजा, दर्पण छिब्ब, और शहाना. इसके अलावा, Rainmatter Foundation और Accenture India जैसी सहयोगी संस्थाओं का योगदान भी सराहनीय रहा.
उन्होंने उन विशेषज्ञों का भी विशेष आभार व्यक्त किया जिनसे विचार-विमर्श कर उन्होंने गहन अंतर्दृष्टियाँ प्राप्त कीं - इमैनुएल मरे (Caspian), फर्डिन सिल्वेस्टर (One Earth Foundation), विजय लाढा, प्रियंशु केडिया (SARTHY), चंदन घोष (Annapurna Swadisht), अंशुमान उपाध्याय, मानस रथ, और Pravidhaan FPO की टीम.
साथ ही उन्होंने दो युवा उद्यमियों के उल्लेखनीय कार्य को भी सराहा - ऋतिक श्रीवास्तव (Recyteq) और तेजस निमकर (Green Minds Agro Hub).
भारत के कोने-कोने में JECP जैसे मॉडल की आवश्यकता
अक्षय ने नीति निर्माताओं, नवाचार समर्थकों और सामाजिक नेताओं से आग्रह किया, “केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे भारत को JECP जैसे इनक्यूबेशन मॉडल की आवश्यकता है. मैं माननीय सांसद शशांक मणि जी से अनुरोध करता हूँ कि इस मॉडल को PAN-India स्तर पर विस्तारित करें - विशेष रूप से ऐसे राज्यों में, जहां ग्रामीण नवाचारियों में अपार क्षमता है, लेकिन उन्हें अपेक्षित समर्थन नहीं मिल रहा.”
आगे की राह
देवरिया से लौटते समय अक्षय ने अपना संकल्प दोहराया, “मैं यहाँ से लौटते हुए एक गहरे उद्देश्य के साथ जा रहा हूँ - छोटे शहरों के उद्यमियों और राष्ट्रीय अवसरों के बीच एक पुल बनने का. JECP सिर्फ इनक्यूबेशन नहीं है, यह राष्ट्रनिर्माण है - एक हरित विचार, एक जमीनी संस्थापक के माध्यम से.”