अमूल जल्द लॉन्‍च करने जा रहा है 'सुपर म‍िल्‍क', एक गिलास दूध में मिलेगा 35 ग्राम प्रोटीन पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारी, जानें कब, कैसे और किस प्रक्रिया का करें इस्तेमाल 150 रुपये लीटर बिकता है इस गाय का दूध, जानें इसकी पहचान और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 17 March, 2023 1:00 PM IST
बिहार के किसानों के लिए जरूरी खबर

बदलता मौसम आम लोगों के साथ ही किसानों पर भी अपना प्रभाव डालता है. जहां आम लोग बदलते मौसम से बस परेशान होते हैं तो वहीं किसानों की फसलें कई बार इस मौसम की मार में मर जाती हैं, जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में हम इन्हीं किसान भाईयों के लिए एग्रोमेट एडवाइजरी की जानकारी लेकर आए हैं.

यहां हम बिहार के किसानों के लिए आरएयू-पूसा (समस्तीपुर)एएमएफयू-अगवानपुर (सहरसा) एएमएफयू-सबौर (भागलपुर) के सहयोग से मौसम विज्ञान केंद्रपटना द्वारा जारी एग्रोमेट एडवाइजरी की जानकारी लेकर आएं है. इसमें मौजूदा मौसम में किसान अपनी फसलों और अपने पशुओं की रक्षा कैसे कर सकते हैं इसकी जानकारी कृषि वैज्ञानिकों को दी है.

सामान्य सलाह

ग्रीष्मकालीन सब्जियों जैसे भिंडीकद्दूखीरालौकीतुरईकरेला की पूरी बुवाई करें. उर्वरक 100-120 किग्रा यूरिया60 किग्रा डीएपी60 किग्रा एमओपी प्रति हेक्टेयर लगाएं.

पौधशाला में पोलिथिन को मिट्टी एवं जैविक पदार्थ से भर दें. झाड़ियों को साफ करें और नए प्रत्यारोपण के लिए गड्ढा खोदें.

फसल विशिष्ट सलाह

मक्का

वर्तमान तापमान चारा मक्का (किस्म-अफ्रीकन टॉल) और लोबिया की बुवाई के लिए उपयुक्त है. बेबी कॉर्न की संकर किस्म एचएम-4 की भी बुआई की जा सकती है.

हरा चना

भूमि की तैयारी और मूंग (मूंग) की किस्म एचयूएम 16पूसा विशालसम्राट की बुवाई की सलाह दी जाती है. बीज दर 25-30 किग्रा/हेक्टेयर तथा बीज उपचार के बाद कैप्टान  2-2.5 ग्राम/किग्रा बीज की दर से बुवाई की जानी चाहिए. कतार से कतार की दूरी 30 सेमी रखनी चाहिए और N:P @ 20:40-50 किग्रा/हेक्टेयर लगाएं.

काबुली चना

चने के खेत में फली छेदक का हमला हो सकता हैफसल को फली छेदक से बचाने के लिए साइपरमेथ्रिन 400 मिली या क्लोरपाइरीफॉस 1.25 लीटर 600 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर में डालें.

बागवानी विशिष्ट सलाह

आम

वर्तमान में अधिकांश आम के फल मटर की अवस्था में हैंफलों को गिरने से रोकने के लिए एसेफेट 0.5 ग्राम को प्लेनोफिक्स 1.0 मिली प्रति 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

भिंडी

बढ़ते तापमान को ध्यान में रखते हुएभिंडी की अगेती फसल- परबनी क्रांति और अर्का अनामिका किस्मों की बुवाई के लिए खेत की तैयारी शुरू करें. फसल की बुवाई से पहले उचित अंकुरण के लिए इष्टतम नमी सुनिश्चित करें. बीज की दर 10-15 किलोग्राम प्रति एकड़ होनी चाहिए.

प्याज

समय से बोई गई प्याज की फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की सतत निगरानी की जानी चाहिए. प्रभावी नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी में चिपचिपी सामग्री (टिपोल 1.0 ग्राम/लीटर) के साथ छिड़काव करने की सलाह दी जाती है.

लाइव स्टॉक विशिष्ट सलाह

खनिज मिश्रण 50 - 60 ग्राम वयस्क और 30-40 ग्राम बढ़ते पशुओं को उनकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर दिन खिलाया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः बिहार के किसान जल्दी से निपटा लें ये काम, नहीं तो पड़ सकती है मौसम की मार!

पौध संरक्षण

फल छेदक कीट के नियंत्रण के लिए टमाटरमटरबैंगन और चना की फसलों में बर्ड बसेरा लगाने की सलाह दी जाती है. क्षतिग्रस्त फलों को हाथ से उठाकर दबा देने की सलाह दी जाती है. फल छेदक की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप 2-3 ट्रैप प्रति एकड़ फसल के खेत में लगाने की सलाह दी जाती है. कीट की संख्या अधिक होने पर बीटी. 1.0 ग्राम/लीटर पानी की सलाह दी जाती है. 15 दिनों के बाद यदि कीटों की आबादी ईटीएल से अधिक हैतो किसानों को स्पिनोसैड 48 ईसी 1 मिली./4 लीटर पानी का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है.

English Summary: Agromet Advisory: Farmers of Bihar should do this important agricultural work quickly, use these medicines
Published on: 17 March 2023, 12:15 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now