आज हमारे देश में कृषि जगत पूरी तरह बदल चुका है. किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक और जैविक खेती को प्राथमिकता देने लगे हैं. इस मॉडर्न खेती के ज़माने में खेती करने की नई-नई मशीनें बेहतर तकनीक से युक्त है. इसीलिए हिमाचल सरकार ने खेती में मशीनों के द्वारा काम कर रहे किसानों को यंत्रो से दुर्घटना होने पर बीमा कवर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना चलाई है. हिमाचल सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में इस योजना को चलाने की लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये गए है.
मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों से काम कर रहे किसानों को यंत्रो द्वारा दुर्घटना ग्रस्त होने के लिए मुआवज़ा दिया जाएगा. मृत्यु अथवा स्थाई रूप से विकलांग होने पर उसके घर वालों को डेढ़ लाख रूपये और अस्थाई रूप से विकलांग होने पर पचास हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी। इसके आलावा स्थाई रूप से रीढ़ की हड्डी टूटने पर पचास हजार और दोनों हाथ अथवा दोनों पैर कटने पर चालीस हजार, एक बाजू और एक पैर अथवा चार उँगलियाँ कटने पर तीस हजार, इसके आलावा तीन उगलियाँ कटने पर बीस हजार और एक उंगली या अंगूठा कटने पर दस हजार की सहायता राशि मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत उन किसानों,मजदूरों अथवा खेतीहरों को मुआवज़ा मिलेगा जिनकी उम्र 14 साल से ज़्यादा है और वो खेती के यंत्रो से काम करते वक्त या यंत्रों को लाते, ले जाते समय दुर्घटना ग्रस्त हो जाएं अथवा अन्य किसी कृषि यंत्र से मजदूर कि दुर्घटना हो जाए तो किसान उपरोक्त लाभ लेने का हकदार होगा. लेकिन हिमाचल सरकार ने एक शर्त रखी है कि यदि मजदूर किसी ठेकेदार के लिए काम कर रहा है तो उसे यह लाभ नहीं दिया जाएगा.
ऐसे करें आवेदन
मृतक के कानूनी वारिस या दुर्घटना से पीड़ित व्यक्ति को 2 महीने के अंदर ही अपने संबंधित ब्लॉक अधिकारी को आवेदन जमा करना होगा. हालांकि वास्तविक कारणों से संबंधिक दस्तावेज़ कृषि निदेशक को 6 महीने के भीतर और कृषि सचिव को 12 महीने के भीतर जमा करवाने होंगे. दावे की यह राशि आवेदन पूर्ण होने के 15 दिन के अंदर भुगतान कर दी जाएगी.