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Updated on: 14 March, 2023 5:32 PM IST
कृषि मंत्रालय ने वापस किए 44000 करोड़

New Delhi: लोकसभा में पेश संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्रालय के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पिछले तीन वर्षों के दौरान अपने बजट का 44,015.81 करोड़ रुपये पूरी तरह से उपयोग नहीं कर सका है.

इस रिपोर्ट में कहा गया कि समिति ने विभाग के जवाब से नोट किया है कि 2020-21, 2021-22 और 2022-23 (अस्थायी) के दौरान क्रमशः 23,824.54 करोड़ रुपये, 429.22 करोड़ रुपये और 19,762.05 करोड़ रुपये की राशि वापस की गई है. जिसका मतलब है कि इन वर्षों में विभाग द्वारा कुल 44,015.81 करोड़ रुपये सरकार को सरेंडर किए गए हैं.

मंत्रालय द्वारा धन का उपयोग मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं के लिए नहीं किया गया है. संसद की समिति को सूचित किया गया है कि धन का आत्मसमर्पण मुख्य रूप से एनईएस (पूर्वोत्तर राज्यों), एससीएसपी (अनुसूचित जाति उप-योजना) और जनजातीय क्षेत्र उप-योजना (टीएएसपी) घटकों के तहत कम आवश्यकता के कारण है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि केंद्र के कुल बजट के प्रतिशत के रूप में विभाग का बजटीय आवंटन 2020-21 में 4.41% से घटकर 2023-24 में 2.57% हो गया है. विभाग ने अपने उत्तरों में स्वीकार किया है कि वर्ष 2020-21, 2021-22 के दौरान भारत सरकार के कुल बजट में से प्रतिशत के रूप में विभाग के पक्ष में किए गए बजटीय आवंटन का अनुपात 2022-23 और 2023-24 क्रमशः 4.41%, 3.53%, 3.14% और 2.57% था.

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इसमें बताया गया है कि 2020-21 में केंद्र सरकार का कुल बजट परिव्यय 30,42,230.09 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 45,03,097.45 करोड़ रुपये हो गया. ग्रामीण आजीविका, रोजगार सृजन और देश की खाद्य सुरक्षा में कृषि द्वारा निभाई गई प्रमुख भूमिका को ध्यान में रखते हुए, समिति विभाग को केंद्रीय पूल से प्रतिशत के रूप में बजटीय आवंटन के मुद्दे को वित्त मंत्रालय के साथ उठाने और यह सुनिश्चित करने की सिफारिश करती है कि प्रवृत्ति अगले बजट से उलट है.

 

English Summary: Agriculture Ministry surrendered Rs 44,000 crore in 3 years
Published on: 14 March 2023, 05:38 PM IST

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