16 जुलाई 2022 को एपी शिंदे सिंगोष्ठी हॉल, एनएएससी, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित 94वें आईसीएआर स्थापना दिवस और पुरस्कार समारोह में माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 92 पुरस्कार विजेताओं सहित 4 प्रमुख श्रेणियों में 15 पुरस्कार प्रदान किए.
श्रेणियों में कृषि संस्थानों के लिए उत्कृष्टता का राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि अनुसिंधान में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और नवाचारों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं.
इस अवसर पर डॉ अशोक पात्र, निदेशक- आईसीएआर- भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल, को कृषि विज्ञान (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) में उत्कृष्ट योगदान के लिए केंद्रीय कृषि मिंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से प्रतिष्ठित डॉ रफी अहमद किदवई पुरस्कार प्राप्त किया.
डॉ पात्रा एक उत्कृष्ट मृदा वैज्ञानिक और भारत में स्थायी मृदा प्रबंधन के प्रबल प्रवर्तक हैं, उनका करियर 3 दशकों से अधिक का है और उन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
उन्होंने देश के खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य और उत्पादकता के सतत प्रबंधन पर प्रमुख ध्यान देने के साथ मिट्टी अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं पर काम किया. उनके कुछ महत्वपूर्ण वैज्ञानिक योगदान में विभिन्न कृषि-पारिस्थितिकी प्रणालियों में नाइट्रोजन की परिवर्तन प्रक्रियाओं को समझना, पारिस्थितिकी और उपयोग दक्षता बढाने, मृदा स्वास्थ्य के त्वरित मूल्यांकन के लिए मृदा गुणवत्ता सूचकांक और एसक्यूआई कैल सॉफ्टवेयर का विकास, देश में उर्वरकों के प्रभावी वितरण और प्रबंधन के लिए मृदा उर्वरता मानचित्र, कुशल माइक्रोबियल कंसोर्टिया के साथ तेजी से कम्पोस्टिंग प्रौद्योगिकियां (इन सीटू और ऑफ सीटू) है.
उनके नेतृत्व में आईसीएआर-आईआईएसएस ने एक डिजिटल मृदा परीक्षण मिनीलैब मृदापरीक्षक विकसित किया, जिसका व्यावसायीकरण किया गया है और भारत में मृदा स्वास्थ्य कार्ड और उर्वरक सलाह तैयार करने सहित मिट्टी की उर्वरता मूल्यांकवन क के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है.
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इस मिनि लैब से 3.34 मिलियन मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण किया गया और अखिल भारतीय आधार पर कुल 29 मिलियन ( 14 %) मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार किया गया.
मृदा स्वास्थ्य के महत्व पर जन जागरूकता पैदा करने के उनके अथक प्रयासों ने संस्थान को प्रतिष्ठित एफएओ किंग भूमिबोल विश्व मृदा दिवस 2020 पुरस्कार के रूप में वैश्विक पहचान दिलाई है.