मध्य प्रदेश के मंदसौर में खरीफ़ मौसम में सोयाबीन बीज की उपलब्धता निश्चित करने के लिए कृषि विभाग के उपसंचालक डॉ अजीत सिंह राठौर तथा कर्मचारियों के द्वारा शामगढ़ गरोठ भानपुरा एवं सुवासरा का दौरा किया गया। इनके द्वारा कृषि व आदान विक्रेताओं से चर्चा कर जानकारी प्राप्त की गई।
राठौड़ द्वारा बताया गया कि जिले में विगत वर्ष अतिवृष्टि से किसानों की फसलें खराब हुई थी जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हुई है. उनका कहना है कि ऐसा कोई भी किसान बीज खरीदने में असमर्थ हो शासन द्वारा भी मांग अनुसार उन्हें बीज उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है। कोई किसान बीज की बोवनी से वंचित न रहे। किसान अंकुरण के बीज का परीक्षण कर गुणवत्ता परखे। लेकिन किसान पहले से ही व्यवस्था करने में लगा है। उनके द्वारा किसानों को बोवनी के पूर्व बीज के अंकुरण का परीक्षण करके बीज की गुणवत्ता परखने को कहा गया। कृषि आदान वितरकों को अच्छी किस्म के बीज किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
किसानों से की गई चर्चा
दौरे के दौरान सोयाबीन बीज की उपलब्धता निर्धारित करने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं किसानों से चर्चा की गई। अंकुरण करके बीजों का दवाई से उपचार करके उपयोग करने की सलाह दी गई र कहा गया कि किसान जल्दबाजी नहीं करें। 3 इंच बारिश होने के बाद ही बोवनी करें और अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग से संपर्क करें।
गतवर्ष हुई अधिक वर्षा से कारण सोयाबीन व अन्य फसल बर्बाद (नष्ट)हो गई थी जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा गाँव गाँव जाकर किसानो को इस बार बुवाई करने के पूर्व सोयाबीन के बीज की अंकुरण की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है साथ ही किसानों को कितनी बारिश होने पर बीज को खेत में डालना है, इसकी भी जानकारी दी जा रही है।
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