Dairy Scheme 2025: डेयरी व्यवसाय के लिए ₹42 लाख तक के लोन पर पाएं 33% तक सब्सिडी, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया बाढ़ से फसल नुकसान पर किसानों को मिलेगा ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा, 5 सितंबर 2025 तक करें आवेदन Weather Update: दिल्ली-NCR, यूपी, बिहार, एमपी और हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट, जानिए अपने जिले का हाल किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 10 June, 2020 6:49 PM IST

मध्य प्रदेश के मंदसौर में खरीफ़ मौसम में सोयाबीन बीज की उपलब्धता निश्चित करने के लिए कृषि विभाग के उपसंचालक डॉ अजीत सिंह राठौर तथा कर्मचारियों के द्वारा शामगढ़ गरोठ भानपुरा एवं सुवासरा का दौरा किया गया। इनके द्वारा कृषि व आदान विक्रेताओं से चर्चा कर जानकारी प्राप्त की गई।

राठौड़ द्वारा बताया गया कि जिले में विगत वर्ष अतिवृष्टि से किसानों की फसलें खराब हुई थी जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हुई है. उनका कहना है कि ऐसा कोई भी किसान बीज खरीदने में असमर्थ हो शासन द्वारा भी मांग अनुसार उन्हें बीज उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है। कोई किसान बीज की बोवनी से वंचित न रहे। किसान अंकुरण के बीज का परीक्षण कर गुणवत्ता परखे। लेकिन किसान पहले से ही व्यवस्था करने में लगा है। उनके द्वारा किसानों को बोवनी के पूर्व बीज के अंकुरण का परीक्षण करके बीज की गुणवत्ता परखने को कहा गया। कृषि आदान वितरकों को अच्छी किस्म के बीज किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

किसानों से की गई चर्चा

दौरे के दौरान सोयाबीन बीज की उपलब्धता निर्धारित करने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं किसानों से चर्चा की गई। अंकुरण करके बीजों का दवाई से उपचार करके उपयोग करने की सलाह दी गई र कहा गया कि किसान जल्दबाजी नहीं करें। 3 इंच बारिश होने के बाद ही बोवनी करें और अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग से संपर्क करें।

गतवर्ष हुई अधिक वर्षा से कारण सोयाबीन व अन्य फसल बर्बाद (नष्ट)हो गई थी जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा गाँव गाँव जाकर किसानो को इस बार बुवाई करने के पूर्व सोयाबीन के बीज की अंकुरण की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है साथ ही किसानों को कितनी बारिश होने पर बीज को खेत में डालना है, इसकी भी जानकारी दी जा रही है।

ये खबर भी पढ़े: India Post Recruitment: 10वीं पास वालों के लिए ग्रामीण डाक सेवक के पद पर निकली हजारों भर्तियां, जल्द करें आवेदन

English Summary: Agriculture Department reaching village to village to ensure availability of soybean seed
Published on: 10 June 2020, 06:52 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now