खुशखबरी! इन किसानों को मिलेंगे 10,000 रुपए, जानें क्या है योजना और कैसे उठाएं लाभ Vermicompost Identification: वर्मी कम्पोस्ट असली है या नकली? जानिए परखने के आसान तरीके Ration Card: 30 अप्रैल से पहले नहीं किया यह काम, तो मिलना बंद हो जाएगा राशन Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Digital India: लॉन्च हुआ फेस आईडी वाला Aadhaar App, अब नहीं देनी होगी कहीं आधार की फोटोकॉपी! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार!
Updated on: 1 June, 2024 3:58 PM IST
तिल की खेती , Image Source: Freepik

बिहार के गया जिला का तिलकुट पूरे भारत में प्रसिद्ध है. यहां के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित तिलकुट की देश-विदेश में मांग है. परन्तु, तिलकुट निर्माण हेतु तिल के लिए गया जिला दूसरे राज्यों विशेषकर राजस्थान, गुजरात आदि पर निर्भर है. ऐसे में कृषि विभाग के द्वारा बिहार के गया जिले में किसानों को तिल की खेती करने को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस संदर्भ में सचिव कृषि ने कहा कि दूसरे राज्यों पर निर्भरता को दूर करने के लिए कृषि विभाग के द्वारा गरमा, वर्ष 2023 में गया जिला में बड़े पैमाने पर तिल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया.

खाद्य एवं पोषण सुरक्षा-कृषोन्नति योजना (एन॰एफ॰एस॰एम॰) के तहत् गत गरमा मौसम में 24 क्विंटल गरमा तिल के बीज का वितरण किसानों के बीच किया गया है. लगभग 600 हेक्टेयर में गरमा तिल की खेती की गई. किसानों द्वारा औसतन 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त किया गया.

किसानों को उनके उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मिला मूल्य

तिलकुट व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों ने किसानों से सम्पर्क कर औसतन 140-180 रूपये प्रति किलो के दर से तिल की खरीदारी की गई, जो कि तिल के न्यूनत्तम समर्थन मूल्य से अधिक था. तिल का समर्थन मूल्य वर्ष 2023-24 में 8635 रुपये प्रति क्विंटल था.

मगध प्रमण्डल में तिल उत्पादन को बढ़ावा

अग्रवाल ने कहा कि गत वर्ष के गरमा मौसम में तिल की खेती की सफलता को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा-कृषोन्नति योजना (एन॰एफ॰एस॰एम॰) और राज्य योजना के अंतर्गत तिल के प्रभेद जी॰टी॰-5 के 50 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर किसानों को उपलब्ध कराया गया. गरमा मौसम, वर्ष 2024 में लगभग 1300 हेक्टेयर में तिल की खेती गया जिला के गुरारू, शेरघाटी, परैया, टेकारी, मोहनपुर तथा टनकुप्पा सहित सभी प्रखंडों में की जा रही है.

उन्होंने कहा कि मगध प्रमण्डल के जिलों में गरमा मौसम में तिल की खेती का प्रत्यक्षण किया जा रहा है, जिससे तिल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. आने वाले समय में गया जिला के तिलकुट निर्माण के लिए तिल राज्य में ही पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकेगा.

लेखक:

संजय कुमार अग्रवाल

English Summary: Agriculture department is promoting Commercial cultivation of sesame in hot season in bihar farmers
Published on: 01 June 2024, 04:03 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now