Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 23 March, 2020 2:41 PM IST

देश-विदेश के लिए जलवायु परिवर्तन एक अहम चर्चा का विषय है. यही कारण है कि समय-समय पर देश-दुनिया के विशेषज्ञ और जन प्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर बैठक करते रहते हैं और तरह-तरह के कानून बनाते रहते हैं. यही कारण है कि भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को अपने खेत में पराली न जलाने का आदेश दे दिया है. अब पराली न जलाने के मुद्दे को लेकर हरियाणा के जींद जिले से एक चौकाने वाली खबर समाने आई है. जिले में कुछ दिन पहले पराली न जलाने को लेकर कृषि विभाग द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा था. इस जागरुकता अभियान को लेकर कृषि विभाग ने 40 लाख रुपए खर्च कर दिए.


बता दें कि विभाग द्वारा जागरुकता अभियान पर इतने रुपए खर्च करने के बाद भी प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आई होतो, वह न के बराबर है. अब भी जींद जिला दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 17वें स्थान पर है. एक RTI से पता चलता है कि ये 40 लाख रुपए कृषि विभाग द्वारा हर गांव में 2 बार की मीटिंग में टेंट, प्रत्येक किसान को एक समोसा, 2 लड्डू और 2 गुलाब जामुन खिलाने पर खर्च किए गए हैं. एक किसान को एक समोसा, 2 लड्डू और 2 गुलाब जामुन खिलाने का खर्च 120 रुपए दिखाया गया है.

RTI में खुलासा, फर्जी बने थे बिल


RTI एक्टिविस्ट ने मामले की शिकायत करते हुए गृहमंत्री को बताया कि एक ही दुकान से एक नाम पर दो -दो बिल कटे हैं. लेकिन जिस दुकान ने बिल काटे हैं वह वहां है ही नहीं. ऐसा ही कार्यकम जुलना में हुआ और टेंट 40 किलोमीटर दूर जींद से लाया गया. जिससे साफ प्रतीत होता है दाल में काला है. वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग का कहना है की ये सब आरोप निराधार हैं.

English Summary: Agriculture department has spent 40 lakh rupees on samosas and laddoos
Published on: 23 March 2020, 02:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now