केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपनी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है. इस बजट में वित्त मंत्री ने खेती के सेक्टर में कई बड़े ऐलान किए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए करोड़ों किसानों को फायदा हुआ. वहीं 28 महीनों में 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज भी दिया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा, "एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड से एग्री स्टार्टअप बढ़ेंगे और इससे किसानों को काफी मदद मिलेगी. इससे किसानों को चुनौतियों का सामना करने में आसानी रहेगी. उन्होंने बताया कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.
एग्री बजट में क्या है खास
-
अगले तीन सालों में 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके अलावा 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर भी स्थापित होंगे. इसके लिए माइक्रो फर्टिलाइजर पर भी जोर दिया जाएगा.
-
कृषि से जुड़े स्टार्ट-अप को प्राथमिकता दी जाएगी. देश के युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी.
-
अमृत काल के लिए सरकार की दृष्टि में मजबूत सार्वजनिक वित्त और एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ-साथ एक प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है. इस 'जनभागीदारी' को हासिल करने के लिए 'सबका साथ, सबका प्रयास' जरूरी है.
-
कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को ओपन सोर्स, ओपन स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक गुड के रूप में बनाया जाएगा.
कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने पर बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, "कृषि लोन का प्रोसेस डिजिटलीकरण होना आर्थिक विकास के लिए अच्छा है. अधिक से अधिक डिजिटलीकरण से लोन तक पहुंच में सुधार हुआ है."
ये भी पढ़ेंः शून्य बजट प्राकृतिक खेती किसानों के लिए एक वरदान
क्या था 2022 के एग्री बजट में खास
पिछले वर्ष 2022 के बजट में वित्त मंत्री ने ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया था और इसके साथ ही रसायन और कीटनाशक मुक्त खेती का प्रसार बढ़ाने पर भी जोर दिया गया था. सरकार ने गंगा के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कहा था. इसके अलावा 25 हजार किलोमीटर के नेशनल हाईवे के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का खर्च करने के लिए कहा था.