ICAR-ISRI में "एमएफओआई समृद्ध किसान उत्सव 2025" का हुआ भव्य आयोजन, 500 से अधिक किसानों ने लिया हिस्सा Success Story: एग्रीप्रेन्योर डॉ. सुनीला की दूरदर्शी सोच से सैकड़ों किसानों को मिली नई पहचान, ड्रैगन फ्रूट की खेती से कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! Success Story: इन 10 किसानों ने आधुनिक सोच और मेहनत से खेती व पशुपालन को बनाया करोड़ों की कमाई का जरिया – पढ़ें उनकी प्रेरणादायक कहानियां किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 10 March, 2025 5:32 PM IST
गेहूं की खेती, फोटो साभार: फ्रिपिक

Agri Production: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने साल 2024-25 के लिए मुख्य कृषि फसलों (खरीफ एवं रबी) के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन अनुमानों को मंजूरी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लगातार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कार्यरत है. सरकार किसानों को प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिससे कृषि उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, फोटो साभार: PIB

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को न केवल वित्तीय सहायता मिल रही है, बल्कि आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. इससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है और देश खाद्य सुरक्षा की दिशा में आत्मनिर्भर बन रहा है. सरकार की नीतियों का परिणाम है कि भारत में कृषि उत्पादन लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है.

रिकॉर्ड स्तर पर कृषि उत्पादन

राज्यों से प्राप्त फसलों के क्षेत्रफल का सत्यापन रिमोट सेंसिंग, साप्ताहिक फसल मौसम निगरानी समूह और अन्य एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर किया गया है. कृषि मंत्रालय ने खरीफ एवं रबी मौसम की फसल स्थिति पर विचार करने के लिए उद्योग और अन्य सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों से परामर्श भी लिया है. इन अनुमानों को अंतिम रूप देने में किसानों, विशेषज्ञों और हितधारकों की राय को भी ध्यान में रखा गया है.

कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ और रबी मौसम के लिए विभिन्न फसलों के उत्पादन के अनुमान इस प्रकार हैं:

  • खरीफ खाद्यान्न उत्पादन: 1663.91 लाख मीट्रिक टन

  • रबी खाद्यान्न उत्पादन: 1645.27 लाख मीट्रिक टन (ज़ायद मौसम शामिल नहीं)

  • चावल: खरीफ - 1206.79 लाख मीट्रिक टन (रिकॉर्ड), रबी - 157.58 लाख मीट्रिक टन

  • गेहूं: 1154.30 लाख मीट्रिक टन (रिकॉर्ड)

  • मक्का: खरीफ - 248.11 लाख मीट्रिक टन (रिकॉर्ड), रबी - 124.38 लाख मीट्रिक टन

  • श्री अन्न: खरीफ - 137.52 लाख मीट्रिक टन, रबी - 30.81 लाख मीट्रिक टन

  • तूर: 35.11 लाख मीट्रिक टन

  • चना: 115.35 लाख मीट्रिक टन

  • मसूर: 18.17 लाख मीट्रिक टन

  • तिलहन: खरीफ - 276.38 लाख मीट्रिक टन, रबी - 140.31 लाख मीट्रिक टन

  • मूंगफली: खरीफ - 104.26 लाख मीट्रिक टन (रिकॉर्ड), रबी - 8.87 लाख मीट्रिक टन

  • सोयाबीन: 151.32 लाख मीट्रिक टन (रिकॉर्ड)

  • रेपसीड एवं सरसों: 128.73 लाख मीट्रिक टन

  • गन्ना: 4350.79 लाख मीट्रिक टन

  • कपास: 294.25 लाख गांठें (प्रत्येक गांठ 170 किलोग्राम)

  • जूट: 83.08 लाख गांठें (प्रत्येक गांठ 180 किलोग्राम)

पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन में वृद्धि

खरीफ चावल का उत्पादन 1206.79 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो 2023-24 के 1132.59 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 74.20 लाख मीट्रिक टन अधिक है. इसी प्रकार, गेहूं का उत्पादन 1154.30 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 1132.92 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 21.38 लाख मीट्रिक टन अधिक है.

मूंगफली, सोयाबीन, तिलहन और अन्य फसलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. खरीफ मूंगफली का उत्पादन 104.26 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 86.60 लाख मीट्रिक टन से 17.66 लाख मीट्रिक टन अधिक है. वहीं, सोयाबीन का उत्पादन 151.32 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20.70 लाख मीट्रिक टन अधिक है.

फसल कटाई प्रयोग (CCE) आधारित अनुमान

खरीफ फसलों के उत्पादन का अनुमान फसल कटाई प्रयोगों (CCE) पर आधारित है. वहीं, कुछ फसलों जैसे तूर, गन्ना, अरंडी आदि के लिए सीसीई जारी है. रबी फसलों का उत्पादन औसत उपज के आधार पर तय किया गया है, जो आगे के अनुमानों में संशोधित किया जा सकता है. ज़ायद फसलों का उत्पादन तीसरे अग्रिम अनुमान में शामिल किया जाएगा.

कृषि मंत्रालय के अनुसार, ये अनुमान राज्यों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किए गए हैं और इनमें केवल खरीफ और रबी मौसम शामिल हैं. ज़ायद मौसम के फसलों का आंकड़ा आगामी तीसरे अग्रिम अनुमान में जोड़ा जाएगा.

English Summary: Agri Production growth record breaking, government released estimates of Rabi and Kharif crops production
Published on: 10 March 2025, 05:38 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now