उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के कृषि स्नातकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है. “प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना (एग्री-जंक्शन)” के तहत युवाओं को न केवल स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें व्यावसायिक रूप से सफल कृषि उद्यमी बनाने के लिए प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता भी दी जा रही है.
यह योजना जनपद स्तर पर संचालित हो रही है और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि निवेश, गुणवत्ता युक्त बीज, उर्वरक और कृषि रसायनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, साथ ही कृषि प्रसार सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाना है.
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria):
इस योजना के अंतर्गत वे सभी युवा पात्र होंगे, जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हों. बेरोजगार हों और कृषि या इससे संबंधित विषयों जैसे: कृषि व्यवसाय प्रबंधन, उद्यान विज्ञान, पशुपालन, वानिकी, दुग्ध उत्पादन, पशु चिकित्सा विज्ञान, मुर्गी पालन में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय (ICAR/UGC से मान्यता प्राप्त) से स्नातक की डिग्री प्राप्त किए हों.
आयु सीमा: अधिकतम आयु 40 वर्ष निर्धारित की गई है.
विशेष छूट: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला आवेदकों को अधिकतम 5 वर्ष की आयु छूट दी जाएगी.
चयन प्रक्रिया (Selection Process):
आवेदकों का चयन जनपद स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी अथवा मुख्य विकास अधिकारी करेंगे. यह समिति पात्र आवेदकों का परीक्षण कर अंतिम चयन करेगी.
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply):
इच्छुक एवं योग्य अभ्यर्थी नीचे दिए गए विभागीय वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं:
लिंक: http://agridarshan.up.gov.in
लिंक: http://agriculture.up.gov.in
महत्वपूर्ण तिथि:
आवेदन की अंतिम तिथि - 20 जुलाई, 2025
कोई भी आवेदन शुल्क देय नहीं है.
आवश्यक दस्तावेजों की सूची (Required Documents):
- जन्म प्रमाण पत्र (हाई स्कूल मार्कशीट)
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रति
- पैन कार्ड
- शपथ-पत्र (नोटरी सत्यापित)
- हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक की मार्कशीट
योजना के अंतर्गत मिलने वाली विशेष सुविधाएं (Key Benefits):
- 13 दिवसीय निःशुल्क प्रशिक्षण - चयनित लाभार्थियों को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) द्वारा उद्यमिता, वित्तीय प्रबंधन, विपणन आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- लाइसेंस शुल्क की प्रतिपूर्ति - बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की बिक्री हेतु लाइसेंस बनवाने पर लगने वाले शुल्क की पूरी भरपाई सरकार करेगी.
- केन्द्र किराया सहायता - एग्री-जंक्शन केंद्र के संचालन हेतु प्रथम वर्ष के लिए ₹1000 प्रतिमाह किराया सहायता दी जाएगी (कुल ₹12,000).
- 5 लाख तक का ऋण एवं ब्याज सब्सिडी - केंद्र की स्थापना हेतु अधिकतम ₹5.00 लाख तक बैंक ऋण प्राप्त किया जा सकता है, जिस पर सरकार की ओर से ₹60,000 तक अग्रिम ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. यदि ऋण ₹5 लाख से कम है, तो सब्सिडी अनुपातिक रूप से कम होगी.
योजना का उद्देश्य और महत्व:
- बेरोजगार कृषि स्नातकों को स्थायी आजीविका का साधन उपलब्ध कराना.
- ग्रामीण स्तर पर कृषि निवेश सामग्री को किफायती और सुलभ बनाना.
- किसानों को अपने क्षेत्र में ही गुणवत्तापूर्ण बीज, खाद और रसायन उपलब्ध कराना.
- कृषि क्षेत्र में नवाचार, प्रसार और जागरूकता को बढ़ावा देना.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
उप कृषि निदेशक, बलिया कार्यालय
संबंधित अधिकारी के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
प्रचार-प्रसार निर्देश:
- समस्त उप कृषि अधिकारी एवं जिला स्तरीय कृषि विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस योजना की सूचना अधिक से अधिक किसानों व कृषि स्नातकों तक पहुंचाई जाए.
- सभी अधिकारीगण योजना की जानकारी विभागीय WhatsApp ग्रुप, सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित करें.