अब तक आप ‘किसान सम्मान निधि’ योजना के बारे में महज इतना ही जानते होंगे कि इसके तहत केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को प्रतिवर्ष तीन किस्तों में 6 हजार रूपए प्रदान किए जाते हैं. केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना लघु एवं सिमांत किसानों के लिए शुरू की गई है. बड़ी संख्या में हमारे किसान भाई इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन शायद आपको यह पता नहीं होगा कि लाभार्थी किसान की मृत्यु के बाद भी उसका वारिस अगर चाहे तो इस योजना का लाभ उठा सकता है.
जी हां...जानकर आपको थोड़ी हैरत हो रही होगी, लेकिन यह सच्चाई है. लाभार्थी की मृत्यु के बाद अगर चाहे तो उसका वारिस इस योजना का लाभ उठा सकता है, लेकिन इसके लिए उसे कुछ निर्धारित किए गए नियमों का पालन करना होगा. चलिए अब हम आपको पूरे विस्तार से बताते हैं कि कैसे किसी लाभार्थी की मृत्यु के बाद भी उसका वारिस केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठा सकता है.
लाभार्थी की मृत्यु के बाद ऐसे मिलेगा लाभ
लाभार्थी की मृत्यु के बाद सबसे पहले उसके वारिस को ‘पीएम किसान पोर्टल’ पर पुन: खुद को पंजीकृत करना होगा, जो कि बिल्कुल ही सरल क्रियाविधि है. इसके बाद तय क्रियाविधियों के मुताबिक लाभार्थी के वारिस की जांच की जाएगी. जांच में यह पता लगाया जाएगा कि लाभार्थी इस योजना का लाभ उठाने के योग्य है या नहीं है. यह सब पीएम किसान पोर्टल अपने नियम कायदे कानून के तहत करेगा. अगर जांच में लाभार्थी के द्वारा दी गई सारी जानकारियों में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं पाई गई, तो उसे इस योजना के तहत 6 हजार रूपए मिलना प्रारंभ हो जाएंगे. बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी की मृत्यु के बाद भी इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है. अब तो आपको पता लग गया होगा कि लाभार्थी की मृत्यु के बाद इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है.
इन लोगों को नहीं मिलता है फायदा
केंद्र सरकार की यह योजना छोटे एवं सीमांत किसानों को समृद्ध करने की दिशा में बेहद कारगर है, लेकिन इस योजना के तहत किन किसानों को इस योजना का लाभ मिलना है और किन किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलना है.
इसका पूरा खाका तैयार किया गया है. आमतौर पर इस योजना के तहत उन किसानों को लाभ नहीं मिलेगा, जिन्हें सरकार की तरफ से 10 हजार रूपए बतौर पेंशन प्राप्त होते हैं या कोई सरकारी पद पर है या फिर कोई राजनीति में है, तो ऐसे में वह किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे. यह योजना छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए ही है.