Dairy Farming: डेयरी फार्मिंग के लिए 42 लाख रुपये तक के लोन पर 33% तक की सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया PM Kisan Yojana Alert: जिन किसानों का नाम लिस्ट से हटा, आप भी उनमें तो नहीं? अभी करें स्टेटस चेक Success Story: सॉफ्टवेयर इंजीनियर से सफल गौपालक बने असीम रावत, सालाना टर्नओवर पहुंचा 10 करोड़ रुपये से अधिक! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 29 June, 2020 8:10 AM IST

मन्दसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की निगाहें आसमान की ओर टिकी हुई है. जिन किसानों ने पहली बारिश में बुवाई कर दी हैं वह किसान अब आसमान की ओर निगाहें कर रहे हैं की बारिश कब आए क्योंकि अब की बार सोयाबीन का बीज 6 हज़ार से लेकर 7 हज़ार प्रती क्विंटल बीज खरिद कर लाए हैं. कई किसानों ने पहली बारिश में बुवाई तो कर दी, लेकिन अब बारिश नहीं हो रही है तो किसानों को चिंता होने लगी हैं. क्योंकि बुवाई के बाद समय-समय पर बारिश होने पर सोयाबीन और मक्का की फसल बढ़िया ऊग जाए और अगर बारिश थोड़ी लेट हो जाए तो सोयाबीन पूरी तरह से ऊग नहीं पाएगी. किसान अपने खेतों पर जाकर आसमान की और निगाहें लगाऐ बैठे हैं की बारिश जल्दी आ जाए तो जो सोयाबीन बीज बोया है वह पूरी तरह ऊग जाए.

ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों का कहना हैं चार पांच दिन अगर बारिश लेट हो जाए तो जिन किसानों  ने सोयाबीन की बुवाई की है उनको काफी नुक़सान की सम्भावना है. ड़बल से महंगा बीज लाकर बुवाई करना पड़ सकती हैं.पिछले साल अधिक बारिश से खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल पूरी तरह से ख़राब हो गई थी.कई किसानों  की लागत भी नहीं निकल पाई थी काफी नुक़सान हुआ था इसलिए किसानों  को अब की बार सोयाबीन बीज महंगा लाना पड़ा.

किसान दिलीप पाटीदार का कहना है कि पहली बारिश के में ही लगा था की बुवाई करना उचित समय आ गया है तो हमने बुवाई कर दी लेकिन पिछलें साल अधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन की फसल खेतों में ही सड़ गई जिसके कारण सोयाबीन का बीज किसानों के पास उपलब्ध ना होने से इस वर्ष सोयाबीन के बीज की किमत 6 हज़ार से लेकर 7 हज़ार तक सोयाबीन का बीज मिला है. अब तो भगवान ही जाने किसानों का क्या होना है सरकार मौन है बस बारिश का इंतज़ार है. सरकार से मद्दत मिले तो अच्छा है.

ये खबर भी पढ़ें: Low Investment Business Ideas: इन 2 बिजनेस में लगाएं 20 हजार रुपए से भी कम लागत, कमाएं हर महीने अच्छा मुनाफ़ा

English Summary: After sowing, farmers eyes now on sky, waiting for monsoon
Published on: 29 June 2020, 08:14 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now