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Updated on: 5 March, 2020 6:08 PM IST

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर सरकार बहुत बड़े-बड़े दावे कर रही है कि 2 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये तीन किश्त के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में भेज रही है. क्या सरकार के इस प्रकार के दावे पूर्णरूप से सत्य हैं या उसे बढ़ा चढ़ा कर बताया जा रहा है? इस बात की पड़ताल कैथल में छपे एक स्थानीय समाचार पत्र की एक ख़बर से किया जा सकता है.

समाचार पत्र के ख़बर के मुताबिक कैथल के बहुत ही कम किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि लाभ मिल रहा है. यहां के किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है. इसी सम्मान निधि को पाने के चक्कर में किसान लघु सचिवालय के कृषि विभाग के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. कैथल के सरकारी दफ्तरों के खुलने का समय होते ही किसान अपनी जमीनों के कागजात लेकर कतारों में खड़े हो जाते हैं और ये कतारें शाम तब तक नहीं टूटती जब तक कि सरकारी ऑफिस नही बंद होता. यहां के किसानों का कहना कि हम कई बार ऑफिस के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन समस्याओं का हल होता नहीं दिख रहा है. 

इस बात को लेकर वहां के समाचार पत्र की एक टीम ने बुधवार को कृषि विभाग जाकर किसानों की समस्याओं की जानकारी ली. वहां पर कुछ किसानों ने बताया है कि सरकार ने स्कीम तो शुरू कर दिया पर जल्दबाजी के चक्कर में प्रशासन द्वारा किसानों के लिए किये गये आवेदनों में गलतियां कर दीं. अब इसी गलती का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. अभी तक किसानों के खातों में किसी की एक किश्त और किसी की दो, आई है. इसी समस्या के चलते ही किसानों को जन सेवा केंद्र और बिभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. विभाग में इस तरह की गलती करने वाले कर्मचारी के खिलाफ़ कार्यवाही होने चाहिए. 

एक किसान ने बताया कि अभी तक उसे एक भी किश्त नहीं मिली है. किसान का कहना है कि उसने तीन माह पहले ही अपने कागजात सही करवा के जमा करवा दिये थे पर अब भी एक किश्त नहीं आई है. वहीं एक दूसरे किसान ने बताया कि वह तीन-चार बार कृषि विभाग का चक्कर काट चुका लेकिन हर बार उसके बाद भी कागजात में कोई न कोई कमी दिखा दी जाती है. जिसके कारण उन्हें इस स्कीम का लाभ नहीं मिल रहा है.

इन सब समस्याओं को लेकर जब वहां के अधिकारी से पूछा गया तो अधिकारी ने बताया कि कागजात में गलतियां सुधार होने के तीन माह बाद किश्त किसान के खाते में पहुंचना शुरू हो जाती है. जिस भी किसान की जमीन 1 फरवरी 2019 के पहले की है, उस किसान को इस स्कीम का फ़ायदा दिया जा रहा है. उसके बाद के किसानों को इस स्कीम का फ़ायदा नहीं मिलेगा.

English Summary: After all, why are farmers wandering for their money pm samman nidhi yojna
Published on: 05 March 2020, 06:11 PM IST

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