पंजाब सरकार ने कपास की फसल पर सफेद मक्खी के हमले को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को पंजाब के इन 4 जिलों में मूंग की रोपाई नहीं करने की सलाह दी है.
पंजाब में धान के बाद कपास दूसरी सबसे मुख्य फसल है, जिसकी खेती दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र के बठिंडा, मनसा, फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, बरनाला और संगरूर जिलों में की जाती है. मुलायम काष्ठ पर अनेक कीट एवं रोग आक्रमण करते हैं, जिनमें सफेद मक्खी का आक्रमण प्रमुख है. पंजाब सरकार ने कपास की फसल पर सफेद मक्खी के हमले को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
पंजाब सरकार की किसानों को सलाह
सफेद मक्खी और गुलाबी मक्खी के हमले की समस्या को दूर करने के लिए पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के सुप्रीमो भगवंत मान की ओर से बड़ा कदम उठाया जा रहा है. इसी कड़ी में सीएम मान ने पंजाब के 4 जिलों में मूंग न लगाने की सलाह दी है.
साथ ही मुख्यमंत्री मान ने कपास फसलों पर सफेद मक्खी के खात्मे के लिए नए कीटनाशकों पर शोध करने का भी निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार कपास की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक बीमा योजना पर विचार कर रही है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के बठिंडा, मनसा, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का जिले के किसानों को मूंग की खेती नहीं करने की सलाह दी है. मुख्यमंत्री मान ने किसानों को संदेश देते हुए कहा कि मूंग की फसल के कारण सफेद मक्खी के हमले का खतरा बढ़ जाता है.
मुख्यमंत्री मान का कहना है कि कपास के समीप जिन खेतों में आम की खेती होती है. वहां सफेद मक्खी का प्रकोप व्यापक होता है, ऐसे में कपास पट्टी में आम की खेती नहीं करनी चाहिए.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बठिंडा जिले में पिछले साल 62 हजार हेक्टेयर में कपास की बोवनी हुई थी. लेकिन सफेद मक्खी और पिंक बॉलवर्म के हमले से पूरी फसल बर्बाद हो गई. इसके बाद कृषि विशेषज्ञों द्वारा यह प्रमाणित किया गया कि कपास के पास के खेतों में जहां मूंग की फसल और सब्जियों की खेती होती है, सफेद मक्खी का व्यापक हमला हुआ है, जिसके बाद कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि कपास पट्टी में नेवले की खेती नहीं की जानी चाहिए.
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