हिंदुस्तान की सियासत में हमेशा से ही किसानों (Haryana Farmers) का किरदार अहम रहा है. ऐसे में हर सरकार की हमेशा से ही यही कोशिश रहती है कि किसान भाई उनसे खुश रहे, लेकिन आज कल हरियाणा में जिस तरह के हालात बने हुए उससे ऐसा लग रह है कि प्रदेश के अन्नदाता व आढती प्रदेश सरकार की कार्यशैली से नाखुश हैं. इतना ही नहीं, आप स्थिति की गंभीरता का अंदाजा महज इसी से लगा सकते हैं कि अब तो आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा तक खोल दिया है, चलिए इस रिपोर्ट हम आपको इस पूरे माजरे से रूबरू कराएं चलते हैं.
गौरतलब है कि अभी हरियाणा में किसानों की गेहूं की खरीद हो रही है. किसान भाई प्रदेश के सभी क्रय केंद्रों पर पहुंचकर गेहूं बेच रहे हैं और इसके एवज में मिलने वाले पैसों को सीधे किसानों के खाते में भेजा जा रहा है, जिसका विरोध लगातार आढ़ती कर रहे हैं, और वे सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि वे किसानों के भुगतान को किसानों की सहमति से डालें. लेकिन सरकार है की मानने को तैयार ही नहीं हो रही है, लिहाजा आढ़तियों ने सरकार के साथ हुई अब तक दो बैठकों में साफ कह दिया है कि अगर आगामी 7 अप्रैल तक सरकार ने हमारी मांगों पर सहमति नहीं दी, तो वे गेहूं की तुलाई को 7 अप्रैल के बाद बंद कर देंगे.
यहां हम आपको बतातें चलें कि इस पूरे मसले को लेकर आढ़तियों की प्रदेश सरकार के साथ दो मर्तबा बैठक हो चुकी है, लेकिन सुलह के आसार बनते हुए नहीं दिखें. अब अगर यह सिलसिला यूं ही चला तो यह गतिरोध लंबा चल सकता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि अब तक की हुई बैठक जाया गई हो, बल्कि दो मांगों को लेकर सरकार व आढ़तियों के बीच में सहमति बनी है, लेकिन किसानों के खाते में सीधे मिलने वाली रकम को लेकर अभी-भी पेच फंस रहा है, लिहाजा अब देखना यह होगा कि आगे सरकार व आढ़तियों के बीच शुरू हुई यह तकरार कहां जाकर खत्म होती है.
क्या कहना है मुख्यमंत्री का?
वहीं, इस पूरे मसले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि उनकी एफसीआई के आलाधिकारियों संग बैठक हुई है. अब आगे का फैसला अगली मर्तबा होने जा रही बैठक की परिणीति पर निर्भर करता है.
आढ़तियों का क्या कहना है?
इसके साथ ही इस पूरे मसले को लेकर हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के कार्यकारी प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा कि अब तक की हुई बैठक में सभी मांगों पर विचार किया गया है. अभी तो फिलहाल सारा गतिरोध किसानों को मिलने वाले भुगतान को लेकर बना हुआ है. हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हमें आश्वासन दिया है कि वे एफसीआई के अधिकारियों के संग बैठक कर आगे कोई उचित फैसला लेंगे.