ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान उनसे अनुरोध किया गया कि भारत में अभी भी विदेशों से दलहनों का आयात हो रहा है, जबकि भारत सरकार ने क्रमांक 06/2018-19 दिनांक 11/05/2018 को दलहनों का सीमित मात्रा (पाँच लाख मीट्रिक टन) में आयात करने का आदेश दिया था. साथ ही इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश क्रं.2018 द 0398522 द्वारा कार्यवाही करते हुए विदेश व्यापार महानिदेशालय को जाँच के लिए निर्देश दिए थे तथा विदेश व्यापार महानिदेशालय के फाईल संख्या 01/89/180/18/ए एम-13/पी सी-2(ए)/992 के द्वारा दलहन आयात को रोकने हेतु कार्यवाही भी की गई.
उपरोक्त विषय में संस्था द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिनांक 17.10.2018 व 07.12.2018 एवं 02.01.2019 तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजकर अवगत भी कराया तथा भारत सरकार के कृषिमंत्री राधामोहन सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात कर चर्चा भी की.
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
समस्त याचिकाओं पर मद्रास हाईकोर्ट, जयपुर हाईकोर्ट, अहमदावाद हाईकोर्ट ने जो आयात के लिए स्टे (स्थगन) दे रखे थे, उसके विरूद्ध कुछ व्यापारियों जैसे- कुसुम एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्रं. 17573/2018 दि. 19.12.2018 को दायर की थी, जिस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायधीश ए.एम. खानविलकर एवं अजय रसतोगी ने अपने आदेश क्रं. 1922/2019, दिनांक 28.01.2019 को विदेश व्यापार महानिदेशालय के निर्णय को उचित ठहराते हुए, यह याचिका निरस्त कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने विदेश व्यापार महानिदेशालय के निर्णय को सही ठहराया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि इस सम्बंध में यदि कोई अन्य लंबित आवेदन भी हों, तो उनको भी निरस्त माना जाए.
प्रतिनिधि मण्डल ने माननीय कृषिमंत्री को अवगत कराते हुए निवेदन किया है -
- स्थगन आदेशों के कारण देश के बाहर से दलहन- तुअर, उड़द, मूंग व मटर का आयात होने से इन दलहनों की कीमतों में काफी गिरावट आ रही थी. जिससे देष के बाहर से माल आने से म्यामांर (बर्मा), साउथ अफ्रीका एवं अन्य देशों में दलहनों की कीमतें बढने से़ वहाँ के किसानों को ज्यादा लाभ हो रहा था और भारत के किसानों को काफी नुकसान हो रहा था.
- पूरे देश से अलग-अलग उच्च न्यायालयों ने व्यापारियों को स्टे (स्थगन) दिये थे, जिसके कारण विदेशों से बहुत दलहन आया है, जिससे भारत में कीमत घटी हैं और उसका नुकसान राज्य सरकारों, किसानों एवं व्यापारियों को हुआ है. निर्णय दलहन आयात के सम्बंध में संस्था भारत सरकार से लगातार मांग कर रही थी जिसके परीणाम स्वरूप सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली ने डी. जी. एफ. टी. के निर्णय को उचित एवं सही मानते हुए यह स्पष्ट किया है कि समस्त याचिकायें खारिज की जाती है और इस सम्बंध में यदि कोई अन्य लंबित आवेदन भी हों, तो उनको भी निरस्त माना जाए.
प्रतिलिपी संलग्न है.
आदेश क्रं. 1922/2019 दि. 28.01.2019
अध्यक्ष
सुरेश अग्रवाल