महाराष्ट्र के गन्ना किसान इस समय बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में गन्ने की अत्यधिक उपज होने से समस्या उत्पन्न हो गई है. गन्ने की अत्याधिक उपज के कारण किसानों की गन्ने की फसल शुगर मिल तक नहीं पहुंच पा रही है, जिसके चलते किसानों को नुकसान का डर सता रहा है.
किसान ने बताई अपनी कहानी
महाराष्ट्र के बीड जिले में गन्ने की अधिकता होने से समस्या गंभीर होती जा रही है. बीड जिले के अंबाजोगई तालुका के धनोरा खुर्द के किसान रवींद्र ढगे ने अपने परिवार के साथ घर का पूरा सामान सड़क पर रख दिया है. रवींद्र ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो अपनी फसल को शुगर मिल तक नहीं ले जा पा रहे हैं. अंबाजोगाई तालुका के रवींद्र ढगे पिछले 30 दिनों से फैक्ट्री में गन्ना देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फसल को शुगर मिल में नहीं लिया जा रहा है. ढागे ने यह भी आरोप लगाया है कि उच्च कलेक्टर और तहसीलदार के आदेश के बावजूद भी मिल मालिक गन्ना लेने को तैयार नहीं हैं.
किसान का आत्महत्या करने का फैसला
महाराष्ट्र के बीड और लातूर समेत पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ जिलों में गन्ने की अधिक पैदावार होने से समस्या गंभीर हो गयी है.
किसानों के बीच में यह डर है कि इस बार गन्ने के दाम सही नहीं मिलेंगे और कुछ किसानों को तो शुगर मिल में गन्ना बेचने में परेशनी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते महाराष्ट्र गेवराई में एक किसान ने वही किया जो एक हारा और परेशान व्यक्ति करता है आत्महत्या. यह किसान एक युवक था इसने पहले अपनी फसल में आग लगायी और उसके बाद आत्महत्या कर ली जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र में किसानों के बीच काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है.
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महाराष्ट्र सरकार का इस पर लिया गया फैसला
किसानों की परेशानी को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, NCP अध्यक्ष शरद पवार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और कई बड़े नेताओं ने गन्ना उत्पादकों से आत्महत्या जैसे कदम न उठाने की अपील की है.
साथ ही, आदेश दिया है कि जब तक सभी गन्ने की पिराई नहीं हो जाती, तब तक शुगर मिलें बंद नहीं होंगी. ठाकरे सरकार ने इसके साथ ही गन्ने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी की भी घोषणा की है.