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Updated on: 24 March, 2021 6:08 PM IST
Nirmala Sitaraman

पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों ने किस कदर आम जनता को रूलाया है. यह तो आप भलीभांति जानते ही होंगे और अभी-भी पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है. फिलहाल, इस पर ब्रेक कब तक लग पाएगा, इसे लेकर कुछ भी कहना अभी मुश्किल है, लेकिन एक बात तो साफ है कि अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फिर आम जनता महंगाई से बुरी त्रस्त हो जाएगी. उधर, विपक्षी दल भी पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. अभी भी पेट्रोल व डीजल की कीमत में लगातार उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है.  

वहीं, पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने बड़ा दांल चला है. उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, 'अगर मेरी बात मान ली, तो वो दिन दूर नहीं, जब पेट्रोल की कीमत 47 रूपए प्रति लीटर हो सकता है'. वित्त मंत्री ने कहा कि, 'अगर पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया गया, तो संभवत: पेट्रोल व डीजल की कीमत में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है', लेकिन एक तरफ जहां वित्त मंत्री पेट्रोल व डीजल को जीसएसटी काउंसिल के दायरे में लाने की बात कह रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार यह भी नहीं चाहती है कि इसे जीएसटी काउंसिल के दायरे में लाया जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि, अगर पेट्रोल व डीजल को जीएसटी काउंसिल के दायरे में लाया गया, तो फिर केंद्र व राज्य सरकार के राजस्व के स्रोत पर बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि पेट्रोल व डीजल केंद्र व राज्य सरकार के लिए आय का बहुत बड़ा स्रोत है.

बताया जा रहा है कि अगर पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो यह 29 फीसद वाले कर के स्लैब में शामिल हो जाएगा, जिससे पेट्रोल व डीजल की कीमत में गिरावट दर्ज की जाएगी.

पेट्रोल 47 रूपए व डीजल का भाव 48 रूपए के आस पास पहुंच सकता है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो केंद्र व राज्य सरकार की कमाई में तकरीबन 1 लाख करोड़ रूपए की गिरावट आएगी और सकल घरेलू उत्पाद में 0.4 फीसद की गिरावट दर्ज की जाएगी.

English Summary: a price of petrol may decrease
Published on: 24 March 2021, 06:15 PM IST

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