कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर का घातक सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हालात इस कदर गंभीर हो चुके हैं कि अब अस्पतालों में बेडों की संख्या भी कम पड़ रही है. इतना ही नहीं, कई राज्यों में तो लॉकाडाउन भी लगाया जा चुका है. अब ऐसे में सभी के जेहन में संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर सवालों का दौर शुरू हो चुका है. सभी के जेहन में लगातार यह खौफ पल्लवित होता जा रहा है कि कहीं एक बार फिर से संपूर्ण लॉकडाउन न लग जाए. यकीनन, अगर ऐसा हुआ तो फिर पूरे देश की आर्थिक व्यवस्था को बड़ी क्षति पहुंचेगी. हालांकि, विगत दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने दिए बयान में साफ कह दिया था कि इस बार लॉकडाउन नहीं लगेगा.
इस बीच समय-समय पर कोरोना के बम फूटते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, अब माता वैष्णो देवी दर्शन करने पहुंचे एक या दो नहीं बल्कि 92 श्रद्धालु कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. इसके बाद से तो यूं समझिए की प्रशासन के होश उड़ चुके हैं. श्राइन बोर्ड ने अब साफ कह दिया है कि माता वैष्णो देवी का दर्शन अब केवल उन्हीं लोगों को करने दिया जाएगा, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आएगी, बाकि के लोगों को इसकी इजाजत नहीं मिलेगी. बता दें कि बोर्ड ने यह फैसला लगातार बढ़ते कोरोना के कहर को ध्यान में रखते हुए लिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले शाही स्नान में शामिल होने पहुंचे श्रद्धालु भी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे, जिसमें कई साधू संत भी शामिल थे. बताया गया था कि कोरोना का यह बम इसलिए फूटा था, क्योंकि लोग जमकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे।
जिसको ध्यान में रखते हुए अब प्रशासन ने यह फैसला लिया है. बहरहाल, माता वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे वे सभी लोग, जो संक्रमित पाए गए हैं, उन्हें क्वाराइंटिन कर दिया गया है. वहीं, अब एहतियात बरतते हुए सभी लोगों की टेस्टिंग की जा रही है.