महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिए और साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजस्थान सरकार ने अपनी महिला निधि योजना (Mahila Nidhi Yojana) में बड़ा अपडेट दिया है. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला निधि के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को उपलब्ध कराये जाने वाले ऋण पर 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. गहलोत ने इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 12 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है.
2023-24 बजट की सभी घोषणाओं पर हो रहा काम
मिली जानकारी के मुताबिक, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को लगभग 2 साल की समय सीमा पर मिलने वाले 1 लाख रुपए तक के ऋण पर 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान कर दिया गया है. गहलोत सरकार के इस निर्णय के बाद से समूह की महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक उन्नति में बेहद मदद मिलेगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) इससे पहले भी अपनी कई योजनाओं पर काम कर रही है. ताकि राज्य तेजी से विकास की राह पर चल सके. इसी क्रम में सरकार ने अपने सभी घोषणाओं पर काम करना शुरू कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने राज्य के स्वयं सहायता समूहों के वित्तीय प्रबंधन के लिए 26 अगस्त, 2022 को महिला समानता दिवस के अवसर पर ‘राजस्थान महिला निधि’ (Rajasthan mahila nidhi) की शुरुआत की थी. निधि के माध्यम से महिलाओं को सुगमता से रोजमर्रा की आवश्यकता एवं स्वरोजगार हेतु सुलभ व पर्याप्त मात्रा में ऋण उपलब्ध हो रहा है.
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क्यों शुरू की गई थी महिला निधि योजना
महिला निधि योजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह को मजबूत बनाने, बैकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने व कौशल विकास कर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की उन्नति के लिए महिला निधि की स्थापना की गई है. बता दें कि तेलंगाना के बाद राजस्थान भारत का दूसरा राज्य बना है, जहां महिला निधि की स्थापना की गई है. इस योजना के अंतर्गत 40,000 रुपये तक के ऋण 48 घंटे में व इसे अधिक के ऋण 15 दिन की समय सीमा में बैंक खाते में जमा हो जाते हैं.
नोट: महिला निधि योजना से जुड़ी यह जानकारी राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से ली गई है.