आने वाले साल में केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी ख़ुशख़बरी मिल सकती है. अगला साल उनके लिए फ़ायदे का साल हो सकता है. केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक तनख़्वाह (Basic Salary) में रिविजन को लेकर चर्चा की जा रही है. केंद्र सरकार आने वाले साल में वेतन आयोग को ख़त्म कर नया तरीक़ा लागू करने जा रही है. इस फ़ार्म्यूले में फ़िटमैन फ़ैक्टर को बदला जा सकता है जिससे कर्मचारियों की सैलरी में ज़बरदस्त हाइक हो सकती है. केंद्रीय कर्मचारी लम्बे वक़्त से फ़िटमैन फ़ैक्टर में रिविज़न की मांग करते आ रहे थे.
फ़िलहाल जो फ़िटमैन फ़ैक्टर है वो 2.57 गुना है. सूत्रों के अनुसार अगले साल सरकार इसकी समीक्षा करके बढ़ा सकती है. फ़िटमैन फ़ैक्टर में बढ़ोतरी को लेकर दो तरह के पक्ष हैं. एक तो ये कि इसको 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जाए जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में लगभग 3000 रुपये की बढ़ोतरी होगी और दूसरा ये कि 7th पे कमीशन की सिफ़ारिशों के अनुकूल 3.68 गुना किया जाए जिससे सैलरी में क़रीबन 8000 रुपये का फ़र्क़ आएगा.
डीए में भी हुई है वृद्धि-
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए में भी 4 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा किया है. इस वृद्धि के बाद डीए 38% से बढ़कर 42% हो गया है. डीए बढ़ने से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में इज़ाफ़ा होगा. बढ़ी हुई दरें डीए दरें 1 जनवरी 2023 से लागू मानी जाएंगी.
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वेतन आयोग क्या है?
सरकारी कर्मचारियों की तनख़्वाह से जुड़ा एक अहम अंग है “वेतन आयोग” समय-समय पर इसका गठन कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन वग़ैरह में बदलाव के लिए किया जाता है. देश में अभी तक कुल 7 वेतन आयोगों का गठन हुआ है. भारत का पहला वेतन आयोग आज़ादी के एक साल पहले यानि की साल 1946 में बना था.