केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी इनदिनों पश्चिम बंगाल के चुनावी दौरे पर हैं. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को भोले भूतनाथ महादेव मंदिर में बाबा के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त कर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रॉबिन सरदार की नामांकन रैली में भाग लिया.
चुनावी सभाओं को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि आमजन और कार्यकर्ताओं का उत्साह स्पष्ट रूप से बता रहा है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के कुशासन और हिंसक राजनीति से यहां की जनता त्रस्त हो चुकी है, इस बार पश्चिम बंगाल विकास और सुशासन के लिए भाजपा को चुनने जा रहा है.
कैनिंग विधानसभा क्षेत्र की चुनावी सभाओं में कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने ममता बनर्जी पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि ममता बनर्जी किसानों की हमदर्द नहीं बल्कि सबसे बड़ी दुश्मन है. ममता बनर्जी और उनकी सरकार किस प्रकार किसान विरोधी है इसका ज्वलंत उदाहरण है कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को लाभ नहीं लेने दिया गया. इस योजना में बंगाल के 70 लाख किसानों को जो लाभ सीधे उनके खाते में 8400 करोड़ रूपये जाते वह नहीं हो पाया.
कैलाश चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी काल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों के हित में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू करके उन्हें सहारा दिया था. उसे भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों को इस सहायता से वंचित रखा.
पश्चिम बंगाल प्रवास के दौरान जिला बरईपुर के विधानसभा क्षेत्र कैनिंग में किसानों के खेत में फसलों का निरीक्षण करते हुए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि बंगाल की ममता सरकार से प्रदेश के किसान आजिज आ चुके हैं. तृणमूल कांग्रेस सरकार बंगाल के किसानों और आमजन के साथ छल कर रही है. पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी और भाजपा तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकेगी.
भाजपा में टीएमसी छोड़ कर बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं. इससे साफ पता चल रहा कि बंगाल में भाजपा के पक्ष में परिवर्तन की लहर चल रही है. कैलाश चौधरी ने कहा कि बीजेपी की सरकार आने पर हम ‘भ्रष्टाचार मुक्त, विकास युक्त’ बंगाल बनाएंगे. बंगाल में फिर से बिजनेस को बढ़ावा मिले हमें ऐसा माहौल तैयार करना होगा.
केंद्र की स्वच्छ भारत योजना, उज्ज्वला योजना के जरिए बंगाल की करोड़ों महिलाओं का सशक्तिकरण किया गया है. साथ ही कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया, लेकिन बंगाल की सरकार ने यहां आम लोगों को फायदा नहीं होने दिया.