भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने अपने 63वें दीक्षांत समारोह सप्ताह की शुरुआत की. इस सप्ताह का आगाज स्नातकोत्तर छात्रों की उल्लेखनीय उपलब्धियों की प्रस्तुति के साथ हुआ. 17 से 22 मार्च तक चलने वाले इस समारोह में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. संस्थान ने 22 से 24 फरवरी, 2025 के दौरान वार्षिक पूसा कृषि विज्ञान मेला आयोजित किया. इस मेले में एक लाख से अधिक किसानों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया.
संस्थान ने लगातार दूसरे वर्ष राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2024 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है. आइए इसके बारे में कार्यक्रम में क्या कुछ खास रहा यहां विस्तार से जानते हैं.
छात्रों और प्रोफेसरों ने प्रस्तुत किए शोध कार्य
17 और 18 मार्च को एम.एससी./एम.टेक. और पीएच.डी. छात्रों ने अपने शोध कार्यों की प्रस्तुति दी. 19 और 20 मार्च को संस्थान के विभिन्न स्कूलों के प्रोफेसरों ने वर्ष 2024 की शैक्षणिक उपलब्धियों को साझा किया. 20 मार्च को हूकर पुरस्कार विजेता का विशेष व्याख्यान हुआ और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 423वीं अकादमिक परिषद की बैठक भी संपन्न हुई.
लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान आयोजित
21 मार्च को डीबीटी के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले ने 55वां लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान दिया. इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी और छात्र उपस्थित रहे. 22 मार्च को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी और राम नाथ ठाकुर भी मौजूद रहेंगे. समारोह में आईसीएआर के महानिदेशक देवेश चतुर्वेदी, आईएआरआई के कुलपति डॉ. सीए च. श्रीनिवास राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.
399 छात्रों को मिलेगी डिग्री
इस वर्ष कुल 399 छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी, जिनमें 233 एम. एससी., 166 पीएच.डी. और 5 अंतरराष्ट्रीय छात्र शामिल हैं. अब तक संस्थान ने 11,731 छात्रों को डिग्री प्रदान की है, जिनमें 512 अंतरराष्ट्रीय छात्र भी शामिल हैं.
अनुसंधान और शैक्षणिक उपलब्धियां
आईएआरआई ने वर्ष 2024 में 10 विभिन्न फसलों की 27 नई किस्में विकसित की हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संस्थान द्वारा विकसित 10 जलवायु-सहिष्णु और बायोफोर्टिफाइड फसल किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया. बासमती धान की नई किस्मों ने भारत के निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
नवाचार और तकनीकी विकास
संस्थान ने पूसा डिकंपोजर, पूसा एसटीएफआर मीटर और पूसा फार्म सन फ्रिज जैसी नवीन तकनीकों का विकास किया है, जो किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही हैं.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
आईएआरआई ने अफगानिस्तान राष्ट्रीय कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एएनएएसटीयू) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके अलावा, तीन पीएच.डी. छात्रों ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में डुअल डिग्री पीएच.डी. कार्यक्रम के तहत प्रवेश लिया है.