Jammu and Kashmir: देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का एक बड़ा भंडार मिला है, जिसकी पहचान भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने की है. आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की बैट्री में इस्तेमाल होने वाले लिथियम को भारत दूसरे देशों से आयात करता है. इस भंडारण के मिलने से देश की लिथियम के आयात पर होने वाली निर्भरता काफी कम हो जाएगी.
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम की खोज की है. लिथियम एक अलौह धातु है, जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में उपयोग की जाती है. इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों में भी किया जाता है. यह खोज भारत को लिथियम उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा.
माइंस विभाग के सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने बताया, "देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम के भंडार की खोज की गई है. इसका उपयोग मोबाइल फोन, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बखूबी तौर पर किया जाता है. आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत महत्वपूर्ण है."
आपको बता दें कि भारत सरकार ने 2030 तक ईवी गाड़ियों के उत्पादन को 30% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में भारत को लिथियम के उत्पादन को बढ़ाने की जरुरत है. इसकी खोज से देश में ईवी गाड़ियों के उत्पादन को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. अभी तक देश में ईवी वाहन की बिक्री केवल 1% तये क है.
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11 राज्यों में मिले खनिज संसाधन
खनन मंत्रालय ने कहा, "इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं. इसके अलावा पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल से जुड़े हुए हैं. ये मेटल्स 11 राज्यों के अलग-अलग जिलों से मिले हैं. इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं.