केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘पीएम- किसान’ के तहत बड़ी संख्या में गड़बड़ी सामने आ रही है. दरअसल सरकार की ओर से जब से दस्तावेजों की जांच की जा रही है तब से ये सारी गड़बड़ियाँ उभर कर सामने आ रही है. सरकार की ओर से की गई समीक्षा में यह सामने आया है कि सिर्फ़ यूपी के 57,90,664 किसानों के आधार कार्ड नंबर ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के अंतर्गत गलत भरे गए हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत चार माह के अंतराल पर 2,000 रुपये, सालाना 6 हजार रुपये किसानों को मिलते हैं. केंद्र सरकार ने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर निश्चित की थी. इसके अलावा योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड का नंबर भी पंजीकरण अनिवार्य किया गया था.
1.19 लाख किसानों से वापस लिया गया पैसा
गौरतलब है कि मोदी सरकार उन लोगों पर सख्त कार्यवाही कर रही है जिनके रिकॉर्ड मेल नहीं खा रहे है. जिन्होंने ऐसा किया है उनमें से 1,19,743 लोगों से हाल ही में पैसा वापस ले लिया है. लाभार्थियों के नामों एवं उनके बैंक खातों के दिए गए रिकॉर्ड मेल नहीं खा रहे थे. इन अकाउंट्स में बिना वेरीफिकेशन पैसा जमा हो गया था. मतलब, बैंक अकाउंट (Bank Account) आधार संख्या और खेत मालिक के नाम के बीच अंतर पाया गया. सरकार की कोशिश है कि स्कीम का पैसा सही किसानों तक पहुंचे. यह बात अच्छी तरह से समझ लीजिए, अगर आप किसान नहीं हैं और सेटिंग करके गलत तरीके से इस स्कीम का फायदा उठा रहे हैं तो हर हाल में पैसे वापस करने होंगे.
क्या है 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना?
देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है, उन किसानों के खाते में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. यह राशि 3 किश्त में चार-चार माह के अंतराल पर की तीन किश्तों में किसानों के बैंक खातें में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी.
किन किसानों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ
ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत का उन्हें लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे.