आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में 55वां लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल व्याख्यान आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (1964-1966) की विरासत को याद किया गया. उनकी सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति को नई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बताया गया.
इस विशेष अवसर पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), नई दिल्ली के सचिव डॉ. राजेश एस. गोकले ने मुख्य व्याख्यान दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. हिमांशु पाठक, महानिदेशक, आईसीआरआईएसएटी, हैदराबाद और पूर्व सचिव, डियर एंड डीजी, आईसीएआर, नई दिल्ली ने की. आईसीएआर-आईएआरआई के निदेशक डॉ. च. श्रीनिवास राव ने मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया.
कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु
- लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रसिद्ध नारे "जय जवान, जय किसान" के महत्व पर चर्चा हुई.
- जलवायु परिवर्तन, संसाधनों के असंतुलित उपयोग और कचरा प्रबंधन जैसे वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया.
- टेक्नोलॉजी और इनोवेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, बायो-इंडस्ट्रियल क्रांति (2020-2047) पर चर्चा की गई, जिसमें जैव-प्रौद्योगिकी और सटीक कृषि की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया.
- भविष्य में सतत विकास के लिए नीति सुधार, अनुसंधान में निवेश और सहयोग को आवश्यक बताया गया.
कार्यक्रम के अंत में डॉ. हिमांशु पाठक ने कृषि और समाज में नवाचार, स्थिरता और सहयोग की आवश्यकता को दोहराया. उन्होंने कहा कि शास्त्री जी का "जय जवान, जय किसान" का नारा आज भी प्रासंगिक है और यह खाद्य सुरक्षा और राष्ट्रीय मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है. आईएआरआई ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि वह कृषि नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है.