मध्यप्रदेश में रबी फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए पंजीयन 25 मार्च से शुरू होगा. समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी से पहले ही सरकार कर्जदार किसानों का डाटा एकत्रित कर चुकी है. कर्जदार किसानों का डाटा उपार्जन पोर्टल पर सेव कर रखा जा रहा है. इस प्रकार का डाटा सेव कर रखने का केवल एक उद्देश्य, समर्थन मूल्य पर किसानों द्वारा बेचें गए गेंहूं से कर्ज का 50 प्रतिशत हिस्सा काटकर शेष का भुगतान करना ही है. इस प्रकार किसान से कृषि ऋण की वसूली आसानी से हो जाएगी.
वहीं विभागीय अफसरों का मानना है कि किसान ऋण राशि सेव तो की जा रही है लेकिन भुगतान के समय ऋण काटा जाएगा या नहीं, अभी इस पर उच्च अधिकारियों द्वारा कोई सूचना नहीं है. बता दें गेहूं, चना के समर्थन मूल्य पर खरीददारी होने के बाद राज्य सहकारी बैंक मर्यादित प्रभारी प्रबंधक संचालक कर्जदार किसानों की प्रविष्टियां के लिए आदेश जारी करंगें. जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अपात्र किसानों (1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक के) के ऋण की प्रविष्टियां जमा की जायेंगी.
जिन किसानों का ऋण जय किसान ऋण माफी योजना के माध्यम से माफ हुआ था उनकी प्रविष्टियां नहीं होंगी. ई-उपार्जन पोर्टल पर ऋण दर्ज होने के बाद संभावना है कि फसल बेचने के बाद पूरा पेंमेंट नहीं मिलेगा. कर्ज की राशि काटने के बाद ही भुगतान होगा.
कुछ अधिकारी बताते हैं कि कर्जदार किसानों के गेहूं, चना बेचने पर भुगतान के समय 50 प्रतिशत ही राशि कटेगी. उदाहरण के लिए एक किसान का कर्ज 1,00,000 रुपये है, किसान ने 50,000 रुपये की फसल बेची तो 25,000 रुपये का भुगतान किया जायेगा.
अभी तक की जानकारी के मुताबिक 2020-21 में गेहूं, चना समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए 35167 किसानों ने आवेदन किया है. इनमें गेहूं के 32618 और चने के 9873 किसानों ने आवेदन किये हैं. वहीं गत वर्ष की बात हो तो 43459 किसानों ने पंजीयन कराए थे. इस वर्ष 8292 कम पंजीयन हुए हैं.