देशभर में फिर सक्रिय हुआ मानसून, दिल्ली, हरियाणा और यूपी समेत इन राज्यों में भारी बारिश और तूफान का अलर्ट PM Kisan: किसानों के खातों में सीधे पहुंचे 3.69 लाख करोड़ रुपये, हर खेत के लाभार्थी तक पहुंचा पैसा PM Kisan Yojana: पीएम किसान की 20वीं किस्त की तारीख का ऐलान, इस दिन आएगी आपके खाते में रकम! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 August, 2020 1:19 PM IST

मछुआरों का दल हिलसा मछली से भरे 60  पानी का जहाज (Trawlers) को लेकर काकद्वीप के घाट पर पहुंचा. 13-14 अगस्त इन दो दिनों में भारी मात्रा में हिलसा पहुंचने से डायमंड हार्बर के मछली बाजार में रौनक बढ़ गई है. दूसरी बार 40 टन हिलसा मछली बंगाल के मछुआरों के हाथ लगी है. इसके पहले जून के तीसरे सप्ताह में पहली बार हिलसा मछली की पहली खेप में 40 टन मछली बाजार में पहुंची थी. इस बार मछुआरों के हाथ जो मछली हाथ लगी है वह उच्च गुणवत्ता वाली बताई जा रही है. 700-800 ग्राम से लेकर डेढ़ किली ग्राम की हिलसा मछली पकड़ने में सफल होने को लेकर मछुआरों और मछली व्यवसायियों में भी उत्साह है.

भारी वजन की हिलसा मछली की खुले बाजार में 1000-2500 रुपए की कीमत मिलेगी. इस बार हिलसा से अच्छी खासी आय होने को लेकर मछुआरे उत्साहित हैं. दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक काकद्वीप के विभिन्न घाटों से करीब 5 हजार ट्रावलर पर सवार होकर अलग-अलग मछुआरों का दल गहरे समुद्र की ओर रवाना हुआ था. 60 ट्रावलर में ही 40 टन हिलसा मछली पहुंची है. मछली से भरे शेष ट्रावलर बारी-बारी से घाटों पर पहुंचेंगे. इस बार ठीक समय पर मानसून के दस्तक देने से समुद्र में अच्छी तादाद में हिलसा मछली की आवक हुई है.

15 जून से मछुआरों का दल समुद्र में रवाना हुआ था. लेकिन बीच में मौसम खराब होने के कारण उन्हें खाली हाथ ही लौट आना पड़ा था. लेकिन फिर रुक-रुक कर बारिश शुरू होने पर मछुआरों का दल 5 हजार ट्रावलर्स पर सवार होकर समुद्र की ओर रवाना हुआ है. इस बार हिलसा मछली से मछुआरों की अच्छी आय होने की उम्मीद जगी है. दोबारा 40 टन हिलसा मछली के बाजार में पहुंचते ही प्रशासन भी हरकत में आया और सुचारू रूप से खरीद बिक्री शुरू करने के लिए एहतियात के तौर पर कई कारगार उपाय किए गए.

दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने हिलसा मछली की दूसरी खेप पहुंचते ही डायमंड हार्बर स्थित थोक मछली बाजार को सेनेटाइज कर कर दिया है. थोक विक्रेताओं समेत खुदरा व्यापारियों के लिए भी बाजार में पहुंचने के लिए मास्क पहचना और हाथ में दस्ताना लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. थोक बाजार में हिलसा की बिक्री 500-650 रुपए प्रति किलो की दर से शुरू हुई. लेकिन एक किलो से अधिक वजन की हिलसा मछली प्रति किलो 1000-2500 रुपए की दर से भी बिक्री होगी. अधिक कीमत की हिलसा की खपत बड़े होटलों और रेस्तरां में होती है.

काकद्वीप फीशरमैन वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव विजन माइती ने कहा कि प्रायः 5 हजार ट्रवलर्स में भरे हिलसा मछली बारी-बारी से घाटों पर पहुंचेगी. शेष ट्रावर अभी सुमुद्र में हैं. उसमें सवार मछुआरों से खबर मिली है कि पर्याप्त मात्रा में इस बार मछली हाथ लगी है. अच्छा मौसम और इस बार समय पर मानसून के दस्तक देने को लेकर अच्छी तादात में हिलसा मछली की समुद्र में आवक हुई है. इसे लेकर मछुआरों में काफी उत्साह है. हिलसा मछली की खरीद बिक्री करने वाले व्यापारियों में भी इस बार अच्छा मुनाफा करने को लेकर उम्मीद जगी है. सरकार भी इस बार हिलसा का उत्पादन बढ़ाने को लेकर मछुआरों को हर तरह से सहयोग कर रही है. जिला प्रशासन ने प्रत्येक मछुआरों को साथ में अपना परिचय पत्र रखने की हिदायत दी है ताकि घटना-दुर्घटना की स्थिती में उनकी पहचान करने में कोई असुविधा न हो. मछुआरों को समुद्र में सुरक्षित रहकर मछली पकड़ने के लिए सरकारी निर्देशों का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई है.

पश्चिम बंगाल में हिलसा मछली बंगालियों का एक प्रिय खाद्य है. बंगाल के रसोई घरों में मानसून के मौसम में हिलसा मछली का विशेष रूप से इंतजार रहता है. बांग्ला में इसे ईलीश माछ भी कहते हैं. निजी रसाई घरों और छोटे रेस्टूरेंट से लेकर बड़े होटलों तक में भी हिलसा मछली से विभिन्न तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं जो बहुत स्वादिष्ट होता है. हिलसा मछली स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत लाभदायक है. इसमें ओमेगा 3 फैटी एसीड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है तो मष्तिष्क को स्वस्थ रखने और तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में विशेष रूप से सहायक है. हिलसा मछली का तेल शरीर में कलोस्ट्राल लेबल को भी कम करता है. कई शोधों में हिलसा मछली के औषधीय गुण प्रमाणित हो चुके हैं. महंगा होने के बावजूद कोलकाता महानगर समेत राज्य भर में इसकी मांग में तेजी बनी रहती है. इस बार राज्य में हिलसा मछली का उत्पादन बढ़कर 19-20 हजार मेट्रिक टन होने का अनुमान है.

English Summary: 40 tons of Hilsa fish in Bengal's fishermen again
Published on: 15 August 2020, 01:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now