कृषि को बढ़ावा देने के लिए वैसे तो हर कोई प्रयास कर रहा है. फिर चाहे सरकारी तंत्र हो या फिर निजी क्षेत्र की कंपनियां, सभी किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. लेकिन किसानों की आय बढ़ाने के लिए जरुरी है उनके पास आधुनिक कृषि यंत्रों का होना. जो कंपनियां कृषि के अच्छे यन्त्र बना रही है, वो थोड़े महंगे होते हैं जिस वजह से किसान उनको आसानी से नहीं खरीद पाता है. क्योंकि जब भी किसान उस कृषि यंत्र को खरीदने की सोचता है तो उससे पहले उसे अपनी जेब देखनी पड़ती है. इसीलिए कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कृषि यंत्र, उर्वरक और बीजों पर अनुदान देकर केंद्र और राज्य सरकारें हमेशा से बढ़ावा देती रही है. इसी कड़ी में 'सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाइजेशन' के तहत बिहार सरकार ने 13 जिलों में अनुदानित कृषि यंत्र देने के लिए 32 करोड़ 50 लाख रुपये की स्वीकृति दी है.
गौरतलब है कि इससे कृषि में यांत्रिकरण को गति मिलेगी. चयनित 13 जिलों के किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर सब्सिडी दी जायेगी. चयनित जिलों में अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा एवं सीतामगढ़ी आदि हैं. इन सभी जिलों के 25 गांवों के कम से कम 10 किसानों को सरकार की ओर से अनुदान राशि मिलेगी.
बता दें कि इस योजना का सीधा लाभ किसानों को फसलों की पैदावार बढ़ाने में मिलेगा. धान और गेहूं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कृषि विभाग के माध्यम से लगातार योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की उप योजना 'हरित क्रांति योजना' के क्रियान्वयन के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 73 करोड़ 77 लाख 20 हजार रुपये खर्च करने की स्वीकृति मंत्रिपरिषद ने दी है. राज्य योजना में 90 लाख 20 हजार रुपये खर्च करने की अलग से स्वीकृति मिली है.
विवेक राय, कृषि जागरण