केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार कम पानी का उपयोग करके फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए माइक्रो इरिगेशन पर ज्यादा जोर दे रही है. सरकार द्वारा सूक्ष्म सिंचाई (माइक्रो इरिगेशन) को लेकर पांच सालों के लिए एक लक्ष्य तय किया है. सरकार ने इससे ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए इसे पांच वर्षों में 100 लाख हेक्टेयर भूमि कवर करने का लक्ष्य रखा है. माइक्रो इरिगेशन को लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया गया था जिसको संबोधित करते हुए मंत्री ने कई अहम बाते कहीं. उन्होंने कहा कि देश में बड़ी संख्या में किसानों ने वर्ष 2019-20 में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पद्धति का लाभ उठाया है. अगर आंकड़ों में बात की जाए तो किसानों की संख्या लगभग 11 लाख है जिन्होंने इसका लाभ लिया है. तोमर ने कहा कि माइक्रो इरिगेशन फंड कॉर्पस की स्टियरिंग कमेटी व नाबार्ड ने राज्यों में 3,805.67 करोड़ रुपये ऋण की परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका क्षेत्र कवरेज 12.53 लाख हेक्टेयर है.
तोमर ने कहा कि 100 लाख हेक्टेयर भूमि को योजना के तहत कवर करने के लिए इससे संबंधित विभागों/मंत्रालयों, राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली विनिमार्ताओं/आपूर्तिकतार्ओं जैसे विभिन्न हितधारकों के समन्वित एवं एकीकृत प्रयास इन सभी के प्रयासों से ही इसे पूरा किया जा सकता है. इन सभी के प्रयासों से सूक्षम सिंचाई का कवरेज कृषक समुदाय के लिए बढ़ाकर उन्हें अधिक लाभ दिलाया जाएगा.
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के फसलों के लिए पानी अत्यधिक आवश्यक है. किसान पानी की अहमियत को समझते हैं और इसके उपयोग को लेकर भी वो काफी सहज हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि किसान अपने विवेक अनुसार फसलों में पानी का उपयोग करते हैं.
मंत्री तोमर ने कहा कि किसानों के फसलों में लगने वाली लागत कम होने से किसानों को लाभ मिलेगा. इसके साथ ही किसानों के फसलों के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों को लाभ दिलाने की दिशा में काम कर रही है और इससे पानी व केमिकल की बचत होगी और मृदा स्वास्थ्य बढ़ाने में भी कामयाबी मिलेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से भी किसानों को काभी लाभ मिल रहा है और इसे बढ़ाने में भी सभी राज्य बड़े स्तर पर सहयोग कर रहे हैं.