तमिलनाडु की रहने वाली महिला किसान पप्पाम्मल आज सभी के लिए प्रेरणा की स्रोत बनी हुई है. 105 साल की इस महिला को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया. लेजेंड्री वुमन के नाम से प्रसिद्ध पप्पाम्मल को यह सम्मान ऑर्गेनिक खेती के लिए मिला है. चलिए उनके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
वद्धावस्था में भी खुद खेती करती है पप्पाम्मल
दक्षिण भारत में पप्पाम्मल का नाम ऑर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. आपको जानकार हैरानी होगी कि लगभग अपने ढाई एकड़ के खेत में बिना किसी रसायनों के उपयोग के वद्धावस्था में भी पप्पाम्मल खुद ही खेती करती हैं.
जैविक खाद का भी करती हैं निर्माण
बता दें कि पप्पाम्मल को पद्म श्री सम्मान जैविक खेती और जैविक खाद बनाने के लिए भी दिया गया है. वो कई तरह के फसलों के अवशेषों और पशुओं के मल-मूत्र आदि से जैविक फर्टिलाइजर का भी निर्माण करती हैं.
जैविक खेती की बढ़ी है मांग
पप्पाम्मल मुख्य रूप से दालों, सब्जियों, फलों एवं फूलों की खेती करती है. उनका अपना प्रोविजनल स्टोर भी है. उनका मानना है कि आज के समय में जैविक खेती की मांग बड़े शहरों में लगातार बढ़ती जा रही है, इसलिए किसान इस तरीके से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
पप्पाम्मल कहती हैं कि आज से 60-70 साल पहले तक तो जैविक खेती का ही चलन था, लेकिन फिर धीरे-धीरे बाहरी कंपनियां आई, जिन्होंने किसानों को अधिक उपज का लालच दिया और रसायनों के नाम पर कई तरह के जहर फसलों में डाले जाने लगे. लेकिन अब महानगरों में लोग कुछ साल से अपनी सेहत के प्रति अधिक सचेत हो रहे हैं, इसलिए खान-पान में बड़े स्तर पर बदलाव हो रहा है. ऑर्गेनिक फल-सब्जियों की मांग बढ़ी है और इसमें आमदनी का रास्ता भी खुलता जा रहा है.
सफलता के मंत्र
पप्पाम्मल के मुताबिक आज किसानी में कोई भी आदमी अपना बेहतर और उज्जवल भविष्य देख सकता है. बस उसके लिए उसे पांच बातों पर गौर करना चाहिए, जैसे-
मिट्टी की जांचः
किसी भी फसल की खेती से पहले यह जान लेना जरूरी है कि खेत की भूमि उस फसल के लायक है भी कि नहीं. भूमि की सेहत पर ही फसलों की सहेत निर्भर है. मिट्टी की जांच किसी भी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से या पास के किसी प्राइवेट लैब में हो सकती है.
अच्छे बीजः
अच्छे बीज ही अच्छी खेती के आधार हैं. इसलिए बीजों को लेते समय सस्ता या महंगा नहीं, बल्कि उसके गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए. अच्छे किस्मे के बीजों को अधिक खाद की जरूरत नहीं होती.
समय पर बुवाईः
बुवाई का काम किसी भी उपज का आधार है. अगर समय पर बुवाई कार्य अच्छे से हो जाए, तो लगभग आधी मेहनत वहीं सार्थक हो जाती है.
जैविक विकल्पः
आज के समय हर किसान छोटी से छोटी समस्या रसायनिक कीटनाशकों के द्वारा ठीक करना चाहता है, वो एक बार भी जैविक विकल्पों की तरफ नहीं देखता. पप्पाम्मल के मुताबिक बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान जैविक तरीको से हो सकता है, इसमें किसान का ही भला है.
मार्केट ज्ञानः
हर किसान को मार्केट का ज्ञान होना ही चाहिए, जैसे- बाजार भाव, डिमांड और मौसमी प्रभाव आदि.