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Updated on: 3 May, 2020 12:52 PM IST

कोरोना वायरस के चलते ही देश को 17 मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है. मार्च के बाद यह तीसरी बार है जब लॉकडाउन को बढ़ाया गया है.  इस लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ रखी है. देश के पालनहार (किसान) भी इस समय मुश्किल का सामना कर रहे हैं क्योंकि इस लॉकडाउन  के कारण उनकी उपज बिक नहीं पा रही है या जो भी बिक रही है उसका भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है. इससे पहले भी फरवरी और मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण भारी मात्रा में फसल क्षति हुई थी. हालांकि सरकार किसानों को ऐसी स्थिति से निकालने का प्रयास कर रही है लेकिन इसके विपरीत  लॉकडाउन में किसानों को हो रही परेशानियों को देखते हुए कई तरह की मांग उठने लगी हैं. कई किसान संगठनों और राजनीतिक पार्टियों ने भी इस संबंध में पत्र लिखा है कि इस समय देश में किसानों की स्थिति दयनीय है, उनकी सहायता की जाए.

बता दें , कामगार मजदूर यूनियन और सीपीआई ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र (खत) लिखा है जिमसें प्रदेश में रह रहे प्रवासी मजदूरों को काम देने की मांग की गई है. इतना ही नहीं, इस पत्र के जरिए 400 रुपए प्रतिदिन मजदूरी और साल में 300 दिन काम की गारंटी की भी मांग की गई है.

कामगार मजदूर यूनियन की मांग है कि जब तक प्रदेश में लॉकडाउन लगा रहें, तब तक प्रतिमाह हर मजदूर और किसान परिवार को 35 किलो अनाज, साथ ही 2,000 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाए. गरीब किसान मजदूरों के सभी प्रकार के कर्ज माफ किए जाएं. कृषि कार्य हेतु बिना ब्याज लोन देने की व्यवस्था की जाए. समस्त संविदा, आउटसोर्सिंग , शिक्षामित्र, रोजगार सेवक, आंगनबाड़ी, आशा बहू, रसोइया आदि कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय 18,000 रुपए हो.  ऐसे मजदूर और किसान जिनकी उम्र 60 साल हो गई है, उन्हें 10,000 रुपए मासिक पेंशन दी जाए. साथ ही सिंचाई के लिए नि:शुल्क बिजली दिए जाने आदि की मांग की गई है.बता दें, सरकारी आकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की 48 प्रतिशत आबादी किसान परिवार अथवा मजदूर परिवार है.

English Summary: 10 crore farmers can get benefits, demand for loan arrangement without interest and monthly pension of Rs 10,000
Published on: 03 May 2020, 12:54 PM IST

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